Book Title: Dimond Diary Author(s): Kalyanbodhisuri Publisher: K P Sanghvi Group View full book textPage 7
________________ DA श्री पावापुरी तीर्थ जीव मैत्रीधाम एक मंदिर में अनेक मंदिरों का मेल अर्थात् पावापुरी तीर्थधाम... एक स्वर्ग में अनेक स्वर्गों का मेल अर्थात् पावापुरी तीर्थधाम... एक संकुल में अनेक साधना संकुलों का मेल अर्थात् पावापुरी तीर्थधाम.... देवलोक के टुकड़े जैसा भव्यातिभव्य जिन मंदिर (प्रभु भक्तों का स्वर्ग) कला और कारीगिरी का कमाल कसब, शुद्धि और स्वच्छता का संगीन समागम, दिव्यता और भव्यता की एक मिसाल, शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु की कामणगारी प्रतिमा और अजब सी प्रभावकता ! जिसके पवित्र और प्रभावक अणु-परमाणुओं के स्पर्श मात्र से रोम-रोम रोमांचित होता है ! आँखें ठहरसी जाती है ! दिल डोल उठता है, हृदय में हलचल मच जाती है और अशांत मन शांत-प्रशांत बनता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only HESH www.jainelibrary.orgPage Navigation
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