Book Title: Dimond Diary
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 23
________________ मन को बनाएं ऐसा मंदिर कि जहां ध्यान का दीया जलता रहे प्रत्येक व्यक्ति के भीतर तो परमात्मा छिपा है..... Goog एक नया सूरज, एक नई सुबह, एक नया मनुष्य, एक नई पृथ्वी-वह रोज निखरती आ रही है। अगर हम थोड़े सजग हो जाएं तो यह और जल्दी हो जाए, यह रात जल्दी कट जाए, यह प्रभात जल्दी हो, जाए। ध्यान के दीयों को जलाओ और प्रेम के गीतों को गाओ। प्रेम के गीत और ध्यान के दिये, जो सुबह आज तक आदमी के जीवन में नहीं हुई, उसे पैदा कर सकते हैं। और आदमी बहुत तड़प लिया है, नरक में बहुत जी लिया है। समय है कि अब हम स्वर्ग को पृथ्वी पर उतार लें। स्वर्ग उतर सकता है। मन को बनाएं ऐसा मंदिर कि जहां ध्यान का दीया जलता है, जहां जागरूकता का पहरेदार बैठा हो । ध्यान का दीया और जागरूकता का पहरा चित्त पर, तो यही सामान्य सा दिखाता जीवन अमृत जीवन में परिवर्तित हो जाता है। प्रत्येक व्यक्ति के भीतर तो परमात्मा छिपा है, लेकिन हम जागेंगे तो ही उसे पा सकेंगे। For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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