Book Title: Dimond Diary
Author(s): Kalyanbodhisuri
Publisher: K P Sanghvi Group

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Page 40
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org 30 अकेला मर कर अकेला ही जायेगा । आया है और जीव यह शरीर मेरा नहीं है। यह घर मेरा नहीं है । संसार की कोई भी जड़ चेतन वस्तु मेरी नहीं है । क्या है तेरा ? तूं क्या लेकर आया था ? और क्या लेकर यहां से जायेगा ? गहरा विचार करने से संसार के पदार्थों में उसका मोह - आसक्ति कम हो जायगी। || एक उत्पद्यते जन्तुरेक एव विपद्यते ।। यह मेरा नहीं है...

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