Book Title: Digambar Jain Sadhu Parichaya
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Dharmshrut Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 626
________________ ५७८ ] दिगम्बर जैन साधु मुनि श्री सुधर्मसागरजी महाराज । आपका समाधिमरण गजपन्था में प्राचार्य श्री विमलसागरजी के सान्निध्य में हुआ था। [विशेष परिचय अप्राप्य ]. __मुनि अभिनन्दनसागरजी महाराज Lattend"... ___ आपने ३० वर्ष की उम्र में मुनि दीक्षा ली। आपने कई ग्रंन्थों की हिन्दी टीका की । इन्दौर में आपने समाधि. युक्त मरण किया तथा आत्म कल्याण किया! khineaanie statementimentatininentains :. मुनि श्री सिद्धसागरजी महाराज आपका जन्म राजस्थान में पचेवर में हुवा था । आपका गौत्र गंगवाल था । आचार्य कल्प श्री चन्द्रसागरजी के सान्निध्य में रहकर आत्म साधना करते थे तथा अन्त समय में मुनि दीक्षा लेकर समाधि मरण किया । आप श्री पूनमचन्दजी झरिया गंगवाल के दादाजी थे।

Loading...

Page Navigation
1 ... 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661