Book Title: Digambar Jain Sadhu Parichaya
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Dharmshrut Granthmala

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Page 627
________________ [ ५७६ दिगम्बर जैन साधु ऐलक श्री धर्मसागरजी. महाराज आपका जन्म कुरावड़ राजस्थान में हुवा था तथा आपने आ० कुन्थसागरजी से दीक्षा ली थी। आपने मेवाड़ प्रान्त को अपनी वाणी से धर्मामृत का पान कराया तथा इसी प्रान्त में समाधि ग्रहण की। मुनि श्री पिहिताश्रवजी महाराज आपका जन्म दक्षिण भारत में हुवा था । आचार्य श्री शान्तिसागरजी महाराज ने कुन्थलगिरि में जव समाधि ग्रहण की थी, उस समय आपने मुनि दीक्षा ली थी तथा समाधि में पूर्ण जीवन समर्पित किया तथा कुछ समय बाद आपने भी समाधि युक्त मरण किया। मुनि श्री विजयसागरजी महाराज .1 "-:.. 2 आपने पू० मुनि श्री सुबलसागरजी से मुनि दीक्षा लेकर आत्म कल्याण किया । : ' : .',

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