Book Title: Digambar Jain Sadhu Parichaya
Author(s): Dharmchand Jain
Publisher: Dharmshrut Granthmala

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Page 625
________________ [ ५७७ दिगम्बर जैन साधु मुनि श्री आनन्दसागरजी . . p ANS. मुनि श्री आनंदसागरजी महाराज पू० श्री १०८ सूर्यसागरजी के शिष्य थे। आपका स्वर्गवास दिल्ली में ही हुआ था । अब भी बाल आश्रम दरियागंज के सामने मुनि श्री के नाम से छात्रावास चल रहा है। आपने कई पुस्तकें आत्म-प्रमोद, इष्टोपदेश, छहढाला, समयसार पद संग्रह, अनुपम पत्र आदि पुस्तकें लिखी हैं । मुनि श्री चन्द्रसागरजी महाराज ... .. . .. . . . - [ आपका जीवन परिचय प्राप्त नहीं हो सका ] -. ":.- ONTA

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