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दिगम्बर जैन साधु मुनि श्री सुधर्मसागरजी महाराज
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आपका समाधिमरण गजपन्था में प्राचार्य श्री विमलसागरजी के सान्निध्य में हुआ था।
[विशेष परिचय अप्राप्य ].
__मुनि अभिनन्दनसागरजी महाराज
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___ आपने ३० वर्ष की उम्र में मुनि दीक्षा ली। आपने कई ग्रंन्थों की हिन्दी टीका की । इन्दौर में आपने समाधि. युक्त मरण किया तथा आत्म कल्याण किया!
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मुनि श्री सिद्धसागरजी महाराज आपका जन्म राजस्थान में पचेवर में हुवा था । आपका गौत्र गंगवाल था । आचार्य कल्प श्री चन्द्रसागरजी के सान्निध्य में रहकर आत्म साधना करते थे तथा अन्त समय में मुनि दीक्षा लेकर समाधि मरण किया । आप श्री पूनमचन्दजी झरिया गंगवाल के दादाजी थे।