Book Title: Dharmabhyudayam
Author(s): Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 2
________________ आत्मानन्द- प्रन्थरत्नमाला - एकषष्टितमं रत्नम् (६१) श्रीमन्मेघप्रभाचार्य विरचितं धर्माभ्युदय ( सूक्तरत्नावली च न्यायाम्भोनिधिश्रीमद्विजयानन्दसूरीश शिष्य प्रवर्त्तक- श्रीमत्कान्तिविजय मुनिवर्यविनेयमुनिचतुर विजय शिष्येण मुनिपुण्यविजयेन संशोधितम् । तच भणहिल्लपुरपतनवास्तव्य - ओसवालज्ञातीय-श्रेष्ठिहीराचन्द्र - पुत्री - प्रसन्नबाई - द्रव्य साहाय्येन प्रकाशयित्री भावनगरस्था-श्रीजैन - आत्मानन्दसभा | वीरसंवत्-२४४४. मात्मसंवत् २२ Jain Education International विक्रम संवत् १९७४. इसवीसन १९१८. प्रकाशक- मंदास त्रिभुवनदास गांधी सेक्रेटरी श्री जैन आत्मानन्द सभा सुद्रक - मणिभाई मथुरभाई गुप्त भी आर्य सुधारक प्रेस रावपुरा - वडोदरा . ता. १०-४-१८. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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