Book Title: Devki Putra Charitram
Author(s): Shubhvardhan Gani
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ %D Неееееееееееееееее नारा सद्गुरुपासेथी सघळी कलाओनो अभ्यास कर्यो. // 8 // অফিস समवसृतः श्रीनेमिः / प्रस्तावे गिरौ च रैवतके // विज्ञपयामास तदा केशवमुयानपालवरः // 81 // - अर्थः-एवामा एक दिवसे श्रीनेमिनाथप्रभु रैवताचलपर समोसर्या, त्यारे उत्तम उद्यानपाले श्रीकृष्णने / तेनी वधामणी आपी. / / 81 // गजसुकुमालेन समं / भ्रात्रा स्नानेन विहितपूततनुः // भृषाभिः सर्वाभि-विभूषितः श्रीपतिर्मुदितः // ID पट्टगजेन्द्रस्कंधा-रूढः सेना समन्वितः प्राप / प्रौढा नेमिजिने / नंतुमना राजमार्गमथ ॥८३॥युग्मक __ अर्थः-पछी स्नानवडे शरीरने पवित्र करीने, तथा सर्व आभूषणोवडे विभूषित थइने आनंदित थयेला श्रीकृष्ण पोताना न्हानाभाइ गजसुकुमालसहित, // 82 // पट्टहस्तिना स्कंधपर बेसीने, महान् समृद्धिपूर्वक श्रीनेमिनाथप्रभुने वांदवा जवानी इच्छाथी सैन्यसहित राजमार्गमां आवी पहोंच्या.॥ 8 // युग्मं // सोमिलनाम्नास्तत्रच निवासिनः सर्ववेदविदरस्य / सोमश्रीनाम सुता / समस्ति सोमाप्रियाजाता // का अर्थ:-हवे ते नगरमा वसता, तथा सर्ववेदोना पारंगामी, एवा सोमिलनामना ब्राह्मणनी सोमानामनी स्त्रीथी l उत्पन्न धयेली सोमश्रीनामनी पुत्री छे. 16n TENaamsaceaseseDERE R Jun Gun Aaradhal 143 onalnasuri MS. Adhikarinakainsahithaustimaternationalitientistian Lahan

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