Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 02
Author(s): Shripad Krishna Belvalkar
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 332
________________ H. Prakrta Grammars 519 प्राकृतप्रकाशटीका Prākrtaprakāsatikā (मनोरमा) (Manorama) 294 No. 279 1875-76 Size, Description and other particulars same as No. 309 of 1875-76 (described in Vol. II, Part I, pp. 213-214). Extent - 41 leaves, 15 lines to a page, 12 letters to a line. Author - Vararuci and Bhamaha. Begins - श्रीपुरुषोत्तमाय नमः॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीगणाधिपतये नमः॥ ॐ स्वस्ति ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ श्रीलक्ष्म्यै नमः॥ मेधायै नमः ॥धराय नमः ॥ तुष्टथै नमः॥ पुष्टयै नमः॥ प्रभायै नमः॥ मतये नमः ॥ अष्टविधायै सरस्वत्यै नमः॥ जयति मधुमुदितमधुकरमधुररुताकर्णनकूणितापाङ्गः ॥ करविहितगण्डकण्डूविनोदसुखितो गणाधिपतिः॥ वररुचिरचितप्राकृतलक्षणसूत्राणि लक्ष्यमार्गेण ॥ बुद्धा चकार वृत्तिं सङ्क्षिसां भामहः स्पष्टाम् ॥ ॐ भादेरतः ॥ अधिकारोयम् etc. Ends - आश्चर्यस्याञ्चरि# ॥ ष्टीवत् ॥ इति भामह " परिच्छेदः ॥ १२॥ शुभमस्तु शुभं भवतु ॥ Colophon - इति मनोरमायां वृत्तौ .. .. परिच्छेदः ॥ or इति भामहविरचितायां प्राकृतप्रकाशवृत्तौ (प्रथमः) परिच्छेदः॥ प्राकृतप्रबोध No. 280 Prākstaprabodha 300 A. 1882-83 Size-101 in. by41 in. Extent -11 leaves, 25 lines to a page, 88 letters to a line,

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