Book Title: Dashvaikalik Tatha Uttaradhyayan
Author(s): Harshchandra Maharaj
Publisher: Atmaram Mohanlal Sheth

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Page 4
________________ प्रस्तावना आजे जैन-समाजमां जिनागमो ऊपर अभिरूचि वघती जाय छे एथी जैन सिद्धान्तों जुदे जुदे स्थले जुदी रीते थई रहयुं छे. परन्तु केला अभ्यासीओने मूल - श्रागम कण्ठस्थ होवाथी ने तेमनी कश्यकता लागवाथी आ प्रकाशन बहार मूकवामां प्रेरणा करवाथी हुं प्रकाशित करूँ डुं. आ कार्यमां मददकार खास श्री धीरजलाल भाई के ० तुरखिया छे. दरियापुरी संप्रदायना पं. मुनिश्री हर्षचन्द्रजी महाराजनी मंगलमयी प्रेरणा ने उत्साही मूल आगम दशवैकालिक तथा उत्तराध्ययन पाठकों ने अवामां हुं सफल बन्यो बुं. ते माटे हुँ तेश्रो श्रीनो चिरऋणी कुं. ली. आत्माराम मोहनलाल शेठ कलोल ( उ. गुजरात )

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