Book Title: Chidvilas Author(s): Dipchand Shah Kasliwal Publisher: Kundkund Kahan Digambar Jain Trust View full book textPage 2
________________ विषय-सची प्रकाशकीय ५ सम्पादक की ओर से vili मङ्गलाचरण १३ : प्रथम अध्याय द्रव्य १४ से १६ द्वितीय अध्याय गुरण २० से ४३ सम्यक्त्वगुण २४ ज्ञानगुरग २७, ज्ञान के सात भेद ३१ । वर्शनगुग ३७, दर्शन के सात भेद ३६ चारित्रगुण ४० ततीय अध्याय पर्याय ४४ से ५६ कारण-कार्य सम्बन्ध ५१, सत्-उत्पाद और असत्-उत्पाद ५७ र्थ अध्याय सामान्य-विशेषात्मक वस्तु और स्यावाद ६० से ७९ नयविवरण ६२, संग्रहनय ६३, नैगमनय ६३, द्रध्याथिकनय ६४, व्यवहारनय ६६, व्यवहारनय के सूचक कुछ उदाहरण ६७, निश्चयनय ७१, ऋजुसूत्रनय ७७, शब्दनय ७७, समभिरूनय ७७ एवंभूतनयः ७८, पर्यायाथिकनय ७८, उपसंहार ७६ पंचम अध्याय आत्मा की अनन्त शक्तियों ८० से ११६ सुख या आनन्द 50 जीवनशक्ति या जोवत्वशक्ति ८१ प्रभुत्वशक्ति ८४, द्रव्य का प्रभुत्व ८४, गुण का प्रभुत्व ८५, 'पर्याय का प्रभत्व ८६, धोयशक्ति (सामान्यवीर्यशक्ति और विशेषवीर्यशक्ति) ८७Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 160