Book Title: Bhashyatrayam Chaityavandan Bhashya, Guruvandan Bhashya, Pacchakhan Bhashya
Author(s): Amityashsuri
Publisher: Sankat Mochan Parshwa Bhairav Tirth

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Page 206
________________ तीन योग के अयोगी भांगे ३, दिसंयोगी भांगे ३, व त्रिसंयोगी १ भांगा होता है, इस प्रकार तीन योग के कुल भांगे ७ हुए । तथा तीन करण के भी अयोगी भांगे ३ दियोगी भांगे ३ व त्रियोगी भांगा-१, कुल ७ भांगे होते हैं। तीन योग के ७ भांगे को तीन करण के ७ भांगे से गुणा करने पर ४९ भांगे होते है। इन सात सप्तक के ४९ विकल्प होते है। और उन्हे तीन काल से गुणा करने से १४७ विकल्प भांगे होते है। जिससे प्रत्याख्यान लेने वाले ४९ या १४७ व्यक्ति हो तो भी उन सभी को अलग अलग प्रत्याख्यान दे सकते है। यहाँ करण व योग के ७-७-भांगे -वो इस प्रकार है। तीन योग के विकल्प तीन करण के विकल्प १ मनसे १ करना २ वचनसे' असंयोगी ३ २ कराना अंसयोगी ३ ३ कायासे ३ अनुमोदन करना ४ मन-वचन से ४ करना-अनुमोदना ५ मन-काया से दिसंयोगी ३ ५ कराना-अनुमोदना दिसंयोगी३ ६ वचन-कायासे ६ करना-कराना ७ मन-वचन-कायासे त्रिसंयोगी १ ७ करना-कराना-अनुमोदना त्रिसंयोगी इन दोनो सप्तकों के परस्पर विकल्प जोड़ने से ४९ भांगे होते है वो इस प्रकार प्रथम सप्तक दूसरा सप्तक १ मनसे, करुंगा नहीं १ मनसे करवाऊंगा नहीं २ वचन से करूंगा नहीं २ वचन से करवाऊंगा नही ३ कायासे करूंगा नही ३ कायासे करवाऊंगा नही ४ मन - वचन से करूंगा नही ४ मन-वचन से करवाऊंगा नहीं ५ मन-काया से करूंगा नहीं ___... --- - *-मन-काया से करवाऊंगा नही ६ वचन काया से करूंगा नही६ वचन कायासे करवाऊंगा नही • मन-वचन-कायासे नही करुंगा ७ मन वचन काया से करवाऊंगा नही (197)

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