Book Title: Bhagavana Mahavira ke Hajar Updesh
Author(s): Ganeshmuni
Publisher: Amar Jain Sahitya Sansthan

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Page 14
________________ ( ११ ) हार्दिक सहकार और सप्रेरणा प्राप्त होती रही है, उसे वाणी का विषय बनाकर औपचारिकता दिखाना ठीक नही होगा । वे मेरी प्रत्येक साहित्यिक सर्जना के महयोगी रहते हैं और इस भगीरथ कार्य मे भी अपनी योग्य भूमिका इन्होने निवाही है । मेरे आत्मीय श्री प्रवीण मुनिजी की प्रेरणा इस सकलन के लिए सतत मुझे प्रेरित करती रही है, अत उनका स्मरण स्वत ही हो जाता है । इस सकलन की मूल प्रेरणा स्नेही श्री श्रीचन्दजी सुराना 'सरस' से प्राप्त हुई । अत इस ग्रन्थ की पूर्ति मे उनका स्नेह सहकार बराबर याद करता रहा हूँ । श्रद्धेय उपाध्याय श्री अमर चन्द्रजी म० ने मेरी प्रार्थना को स्वीकार कर ग्रन्थ पर प्रस्तावना के रूप मे दो शब्द लिखने की जो स्नेह पूर्ण उदारता दिखाई है, उसके लिए में बहुत कृतज्ञ हूँ । आशा करता हूँ यह महत्वपूर्ण सकलन पाठको के लिए उपयोगी होगा एव भगवान महावीर की २५ वी निर्वाण शताब्दी के उपलक्ष्य मे प्रभु महावीर के प्रति मेरा एक श्रद्धा सुमन जैनधर्म स्थानक वागपुरा ( राजस्थान) १-६-७३ - गणेश मुनि शास्त्री

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