Book Title: Badmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra Author(s): Seva Mandir Ravti Jodhpur Publisher: Seva Mandir Ravti Jodhpur View full book textPage 8
________________ क्रम. 1 नाम 2 44 जम्बू (स्वामी) प्रकरण 45 जोतकल्प ( श्रमण + श्राद्ध 2 ) 46 जीवविभक्ति 47 जीवाजीवाभिगम 48 ज्योतिषक रण्डक 49 शाताधर्मकथाङ्ग 50 तन्दुवंपारिक 51 तिथिप्रकीर्णक 52 तीर्थोद्गालिक 53 तेजोनिसर्ग 54 दशकालिक 55 दशाश्रुत स्कन्ध 56 दीर्घदशा 57 दृष्टिवाद 58 दृष्टि विषभावना 59 देवेन्द्र स्तब 60 देवेन्द्रोपपात 61 द्विगृद्धिदशा 62 द्वीपसागरप्रज्ञप्ति 63 धरणोपपात 64 ध्यान विभक्ति 65 नन्दी 66 नागपरिज्ञोपनिका 67 निरियावलिका प्राकृतनाम 3 जब पन्नो जीवकल्प तिथिपन्नो तित्थोगाली ते अग्गिनिसग्गाणं दसवेयालिय आयारदसा दीहदसा दिट्ठीवादो दिट्ठी विसभावणाण देविदत्थश्रो देविदोववाए दोविदिसा दीवसागरपणत्ति जीवविभी जीवाभिगम 4700 जोइस करंडग 1830 माहानाया ) धम्मका यो 5400दो स्कंध तंदुल वेयालिय 500m 400 धरणाववाए शाणविभक्ति नन्दी उपलब्ध ग्रंथाग्र 4 नागपरियारणियाओ निश्यावलियामा 750 अध्या. 21 966 कुलयोग 1565गा.1233 गा 25 700 अ. 10 1830 अनुपलब्ध 375 गा. 300 280 गा. 225 700 419 ग्रंथकार 5 सुधर्मावाचना जिनमद्रधर्मपोष छेद तिलक, सोमतिलक जिनचन्द्र शयंगव भद्रबाहु सुधर्मावाचना ऋषिपाल वर्गीकरण 6 देववाचक प्र. C 3 प्र. C 4 उपाङ्ग ( 3 ) उरका. नं.पा. प्र. B 5 अंग ( 6 ) का. प्र. A 5 प्र. B 6 प्र. B7 का. मूल उत्का. छेद, का. अंग ( 12 ) का. का. प्र. A 6 उत्का. का. प्र. B 8 का का. प्रमाण 7 उत्का. मूल (नू.) उत्का सर्वमान्य उप.पा.जो. नं.पा.घ. न.पा. नं.पा. नं.. पा ai. 755 टिप्पणी 8 नं.पा.ध. दिगम्बर में दृष्टिवादपरिकर्म नं. व्य.पा. नं.पा. नं.पा. का. उपाङ्ग ( 8 ) का नं.पा. पृष्ठ सं. 9 नं.व्य.पा. • 'ता' अथवा 'या' 30 258 अपरनाम आचारदशा ठां. 755 X सर्वमान्य नियूँढ ग्रंथ व वृतान्त उपलब्ध हैं X प. पा. जो. X 30 X X X X X 18,258 X 10,254 X 6,252 30 X X 20,258 12,254 X 12,254 [ 7Page Navigation
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