Book Title: Badmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Author(s): Seva Mandir Ravti Jodhpur
Publisher: Seva Mandir Ravti Jodhpur

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ प्राकृतनाम उपलब्ध ग्रंथान ग्रंधकार वर्गीकरण प्रमाण क्रम. 1 नाम 2 टिप्पणी . पुष्ठ सं. 89.. 81 68 निशीथ (निषिद्ध) 69 पञ्चकल्प 70 पर्यन्ताराधना णिसोहं पंचकप्पो पज्जंताराहणा 815 ___ 1133 300 गा. 263 छेद - 835 125 गा.103 भद्रबाहु जिनवल्लभ 71 पिण्डनियुक्ति 72 पिण्डविशुद्धि 73 पुण्डरीक 74 पुष्पचूलिका 75 पुष्पिका 76 पौरुषीमण्डल 77 प्रज्ञापना 78 प्रमादाप्रमादम् 79 प्रश्नव्याकरण पिंडनिन्जुत्ति पिंडविसोही पुंडरीय पुप्फचूलियानो पुफियाओ पोरिसिमंडल पण्णवणा पमायप्पमादं पण्हावागरणाई 80 430 8000 आर्यश्याम _1250 दो स्कंध सधर्मावाचना? छेद का. न.पा.ध. अपरनाम आचार प्रकल्प 12 17वींशताब्दी तक प्राप्य था x प्र.C-5 सोमसूरि की70 गा.को भी 30,262 प्राप्य है मूल. 258 प्र.C6 262 दिगम्बर उपाङ्ग(11)का. नं.पा. 12,254 उपाङ्ग(10)का. नं.पा. 12,254 उत्का . नं.पा. उपाङ्ग(4) उत्का. नं.पा. 10,254 उत्का . नं.पा. अंग (10) का. सर्वमान्य प्रक्षिप्तपाठ[संभवतः अपर 8,252 नाम जयपाहुड बाला पाठ असल हो] प्र.C-7 का. नंव्य पा. अपरनाम सुयहील्लुपति x ठा.755 छेद का. नं.पा.ध. धवला में कप्पववहारो साथमेंहै 12,254 प्र. A7 30,262 उत्का . नं.पा. उत्का . जो. प्र. B9उत्का. नं.पा. अ.नाममरणविभक्तिम.विधि x म.समाचारी; नं.व्य.पा. नं.पा.ध. यशोभद्र xx 473 80 बङ्ग (वर्ग) चूलिका 81 बन्धदशा 82 वृहत्कल्प 83 भक्त परिज्ञा 84 मण्डल प्रवेश 85 मरण विशुद्धि 86 मरण समाधि बंग (वग्ग) चूलिया बंधदसा कप्पो भत्तपरिन्ना मंडलप्पवेसो मरणविसोहि मरणसमाहि भद्रबाहु वीरभद्र 255 गा 172 837 गा. 656 xxxxx 87 महतीविमान प्रविभक्ति महल्लियाविमाण पविभती 88 महाकल्पश्रुत महाकप्पसुतं

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 188