Book Title: Badmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Author(s): Seva Mandir Ravti Jodhpur
Publisher: Seva Mandir Ravti Jodhpur

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Page 42
________________ विभाग- १. आ (iii)लिका व मूल सूज 7 भगवान महावीर 100 अन्तिम उपदेश , " 11 " 11 31 13 " 11 11 " " 8 " opporting ecdots 105 385 258 144 169 161 196 गृहस्वसंवाद 216 4 6 155 8A 95 25 x 11*7x44 26x11*16 x 46 26x11*14 x 56 26 × 11 *14 x 42 26x11*6x36 27x11*6x42 13 26 × 11*6x36 309, 25 x 11 व 25 x 12 सं. ग्रं. 15072 199 51 से 286 23 से 27 x 11 से 13 सं. 36 अध्ययन अनुवाद भाषार्थ 5 7 से 56 | 24 से 25 x 10 से 13 अपूर्ण 160 26x11*4 × 29 16वीं 1649 (पूर्ण प्रथम 2 व अन्तिम 1 18वीं पन्ना कम) संपूर्ण ३६ अध्याय 525 26×11*6x45 पूर्ण (प्रथम व अन्तिम पन्ता कम ) 2961 24 से 27 x 11 से 13 संपूर्ण (क्वचित् प्रथम अन्तिम कम) 25 x 11 14 x 40 24 x 12*16x44 संपूर्ण ३६ अध्याय अपूर्ण, 16 वें से अंत तक है सं. सूत्र ग्रं. 2000 टब्बा ग्रं. 4040 " सं. ग्रं. 9505 9 1980 x संगविनय 18वीं, 1758 मोकलसर लब्धिकुदाल 18वीं सं. (18वें के बाद केवल 19वीं मूल है) " " " " 26 x 11*5x36 21 से 28x10 से 12 प्रतिपूर्ण केवल नमि अध्याय 21 x 11 * 12 x 28 नाँवा संपूर्ण 25वें अध्याय तक गं. 4500 24 x 11*13 x 38 25 x 11*17 x 48 11 11 "2 केवल 2 अध्याय " " 8 डाले " 36 सञ्ज्ञाय नं. 450 10 19/20 ft 19/20वीं 20at 19/20वीं 19/20वीं 18aft " 11 23 किचित् वार्थ प्रशस्ति है । वृतिसर्वार्थसिद्धि नाम्नी अंचल गच्छीय सामान्य 3 प्रतियों में कथाय भी है " सामान्य सामान्य 19/20 (सामान्य) कइयों में टदार्थ भी है 1956 इडेरा (मेवाड़) सामान्य 1736 नवेनपुर 1657 पीपाड़ की रचना 1757 समरीह 1728 अंबावती 20वीं " प्रशस्ति है 1821 की रचना

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