Book Title: Badmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Author(s): Seva Mandir Ravti Jodhpur
Publisher: Seva Mandir Ravti Jodhpur

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Page 135
________________ 116 माग ३–जैन मक्ति व क्रियाकान 1 2 3 3A 4 5 6 चौ. 93 S'ānti (Laghu) मानदेव हर्षकीर्ति | मू+(प.ग.) B-705 324 | सि. 357 , जसहर्ष ! मू+2 () B-901 मू (प) -~~+मानदेव S'āntikara Stavana मू+ट (G) (बृ - ल) ,, (दोनों) 327 | बा. 295 | शांतिकर स्तवन 328 सि. 362 | | शांति जिनेश्वर पूजा 329 | B-287 | शांति पूजा Santi Jines'vara Puja | ज्ञानविमल santi tuja ग. मंत्र B-472 शास्वत जिनबिंब स्तवन | sasvata Jina Bimba | देवेन्द्र/ Stavana मू+अ(प.ग.) प्रा.सं. 331 | सि. 363 मू.प. 332 | सि. 364 जिनेन्द्रसागर // जसवंतसागर शोभन मुनि 333-4 बा. 296-7 शोमन स्तुति 2 प्रति sobhana Stuti ॥ 7 प्रति 335-41 B-121,364, 1482,507,1050, 61, 11121 342 B-637 | सकलाईत् नमस्कार Sakalarbat Namaskāra | हेमचंद्र कनककुशल मू+व (प.ग.) doसेनसूरी Sangha Pajā 343 | सि. 365 । सङ्गपूजा सि. 366 सती गीत Satt Gsta भोमा सती नाम माला Satī Nāma Māla कनकसोमdo दयाप्रकार विमित 346 बा. 298 | सन्त स्मरण Sapta Smarana मू+ट(प.ग) प्रा.म 347 बा. 299 348 | चौ. 105 मू. (प) 349 सि. मू+ट (प.ग.) " 5 प्रति मू (प.ग.) 350-4बा.300-1 11,905,42| 355 सि. 367 356 बा. 302 ,, वृति मात्र जिनप्रभ, जयसागरा- वृ (ग) | जिनप्रभ+ । म. (प) 357 मि.न. 944 सरस्वती स्तोय व छंद. JSirasvaty Stotra

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