Book Title: Badmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Author(s): Seva Mandir Ravti Jodhpur
Publisher: Seva Mandir Ravti Jodhpur
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माग ३–जैन मक्ति व क्रियाकान
1
2
3
3A
4
5
6
चौ. 93
S'ānti (Laghu)
मानदेव हर्षकीर्ति
| मू+(प.ग.)
B-705
324 | सि. 357
, जसहर्ष
! मू+2 ()
B-901
मू (प)
-~~+मानदेव
S'āntikara Stavana
मू+ट (G)
(बृ - ल) ,, (दोनों) 327 | बा. 295 | शांतिकर स्तवन 328 सि. 362 |
| शांति जिनेश्वर पूजा 329 | B-287 | शांति पूजा
Santi Jines'vara Puja | ज्ञानविमल
santi tuja
ग. मंत्र
B-472
शास्वत जिनबिंब स्तवन | sasvata Jina Bimba | देवेन्द्र/
Stavana
मू+अ(प.ग.)
प्रा.सं.
331 | सि. 363
मू.प.
332 | सि. 364
जिनेन्द्रसागर //
जसवंतसागर शोभन मुनि
333-4 बा. 296-7 शोमन स्तुति
2 प्रति
sobhana Stuti
॥
7 प्रति
335-41 B-121,364,
1482,507,1050,
61, 11121 342 B-637 | सकलाईत् नमस्कार
Sakalarbat Namaskāra | हेमचंद्र कनककुशल मू+व (प.ग.)
doसेनसूरी Sangha Pajā
343
| सि. 365 । सङ्गपूजा
सि. 366
सती गीत
Satt Gsta
भोमा
सती नाम माला
Satī Nāma Māla
कनकसोमdo
दयाप्रकार विमित
346
बा. 298 | सन्त स्मरण
Sapta Smarana
मू+ट(प.ग)
प्रा.म
347
बा. 299
348
| चौ. 105
मू. (प)
349
सि.
मू+ट (प.ग.)
"
5 प्रति
मू (प.ग.)
350-4बा.300-1
11,905,42| 355 सि. 367
356
बा. 302
,, वृति मात्र
जिनप्रभ, जयसागरा- वृ (ग) | जिनप्रभ+ । म. (प)
357
मि.न. 944 सरस्वती स्तोय व छंद. JSirasvaty Stotra
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