Book Title: Badmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Author(s): Seva Mandir Ravti Jodhpur
Publisher: Seva Mandir Ravti Jodhpur

View full book text
Previous | Next

Page 164
________________ विभाग ४ अजीवन चरित्र व कथानक भक्तिफल " सर्प विष जीवन चरिष तीर्थंकर चरित्र " पांच कल्याणक जीवन प्रसंग 11 11 7 जीवनी " भक्ति / प्रसंग जीवन प्रसंग " 8 23* 87* 56 11 6 6 5 6 2 2,3 7,6 5 I 12 जीवनी सीताराम कथा विक्रम चरित्र प्रसंग 21 शील धर्म कथायें महाभारत कथा 13 6,3,8 11 6 7 73 24 12 8A 113 25 × 11*11 × 28 22 x 10 * 12 × 31 26 × 11*16 × 53 26 x 12 * 26 x 64 27 x 11 * 11 × 27 25 × 11*11x44 24 x 11*15 x 45 26 x 11 22 x 48 26×11*14 × 45 30 x 12*19 × 54 26 × 12*18 × 54 7175 26x12* विभिन्न 16 x 10*19 x 14 25 x 11*14 x 57 23 x 13*16 x 3 25 x 12* विभिन्न 26 × 11*14 × 41 33 × 22*54 x 32 25 x 12*15X44 23x 11*14x44 16 से 25 x 11 से 13 25 x 11 * 13 x 34 21 × 14 * 17 × 21 25 x 12*16 x 39 26 × 11*14 × 39 सं. == " 11 " अ. गा. 97 से 1066 अंत तक ग्रं. 1334 सं. अ. चौथे कल्याणक तक सं. 65 गा. " 11 31 " 11 " 9/8 ढ , 24 x 4 = 96 पद " 2 कथा 5 ढा. अ. " " 11 63 गा. 9 ग्रं. 525 , 1861 जसोल सदानंद 20वीं 19वीं 1943 बागावास सुल्तानमल 19वीं 1760 सीप्री सुथा अमीचंद 20वीं 1845 20बीं 52/53 मा. पू. 50गा. अंतिम गा. कम 20वीं सं. 9 मंगल 11 1826/20 ff 19/20at 1867 x बखतचंद 1926 अजीमगंज जीवा 20वीं 10 19/20 f 11 19वीं ,, लगभग 2500गा. तक है। 16वीं सं. 85 ढा. 974 गा. 20वीं अ. (पहिले 4 पन क्रम) 3 खंड 1785 x धैयं सागर ( प्रशस्ति है ) 1478 परिवसरे नगरपतने सं. 616 श्लो. 18 (प्रथम पत्राक्रम) 1800 जसील " 150 वा. ग्रं. 3785 19/20वीं 145 1876 पाली कृति प्रथम के 6 पन्न े कम हैं कल्पान्तवच्य कल्पसूत्रानुसार जीर्ण सामान्य 1839 कृति "" 1874 कृति नयरसोरीपुर राजियोरे 1744 जयपुर कृति 1733 की कृति 1773 उदयपुर कृति 1767 बिलावास कृति

Loading...

Page Navigation
1 ... 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188