Book Title: Badmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Author(s): Seva Mandir Ravti Jodhpur
Publisher: Seva Mandir Ravti Jodhpur
View full book text ________________
विभाग ४ अ - जीवन चरित्र व कथानक
क्षमा केवली चरित्र
सी पर
जैन मुनिराजा कथा
पुण्य पर
71
"
पदेशिक प्रसंग
पूरा पर
पर
7
चंद्रसूरि मृत्यु व पाट
उत्सव
फोक, दान, ऐति
1
11
शील उपदेश
11
"
"1 "1
"
दान पर
शील पर
सामायिक पर
8
1
14
25 x 12*15 x 43
24×11*17x43
13, 18 25 x 1126 X 11
4
28
14
15
87*
113
3243
22
15*
62
29,8
102
59
13
8A
21×12*12×32
2,2
25 x 12*23 x 35
5,5,7,8 24x11*fafar
20
33 x 22 * 54 × 32
20
70*
25 x 13*15 × 30
26 x 11 16 x 48
26 x 11 16 x 41
26 x 12*26 x 64
26 × 12*17 x 42
25 × 15 * 15 × 38
26x11*15 x 45
7071 25 x 1126 x 11
90.99.114 25से27 x 11 से 12 79,114,68,
33
14
26×11 * 16 × 51
24 x 11*16 × 46
25 x 12*20x45
25 x 12*16 x 45
24 x 10*16 x 50
25 x 11*16x40
25 x 13 17 x 37
सं. 38 गा.
27 ढा.
"
11
"
अपूर्ण 4 डा. अंतराल .. (1978 जोधपुर कृति )
सं. 27 ढा ग्रं. 751
1884/1793
1887 समदाणा परमानंद
1748... कितनगर
29ढा. = गा. 519, प्रशस्ति
अ. 27 मी डा. 10वीं गा तक है 19वीं
"
,
3 खंड 40ढा. 700गा. 1769
"
"
"
11
27 ढा.
सं. 7 ढा.
1943 बागावास सुल्तानमल
1885 दिस्मी कृति
ढा. 102 खण्ड 6 प्रशस्ति 1825 जैसलमेर रूपचंद 1815जैसलमेर कृति
"
1754 विरातरा कृति
"
9
17
"
"
40 ढा. 692 गा.
85 पद
2 ढा.
25 × 1024 x 11
अ.प्र. 4 खंड हि. 1 खंड अ. 19वीं
भीनमाल सिरोही कृति
25 × 10 * 15 × 41 सं. 4 खंड, 108ढा, 2671गा. 1845 सोजत जयसिंह 1738 राजनगरकृति
1902 उग्रवास रूपचंद
प्रशास्ति है
ܕ ܕ
नं. 4000 अंतिम 2प्रति
"
अपूर्ण
651
65/79/149/149पद 20वीं
6 खंड 102ढा. प्रशस्ति 1802 नवसरावाधकी 1771-7 कृति तपगच्छ
31
"
"
1926, अजीमगंज, जीवा
20वीं
10
27 डा.
29 ढा. 624 गा.
29 ढा. 646 गा.
29 T.
जमलजी संप्रदाय
अति अल्प अंश
1757कृति गुजराती गच्छ
1757 की कृति
शिष्य
11
135
1714 कृति
तपगच्छ
1769 समुद्री मोहनविजय खरतरगच्छ
1977/8
20वीं
चनणबाला री वारता कहे
1842/1829
18 / 19वीं
19वीं
1976 x गोपीनाथ
1793 गुठा ज्ञानाल
1878 काणांना विवेकसागर
1946 घमणोर इन्द्रचंद
तिलवाड़ा कृति
1728 कृति खरतर
पिचिया के कृति
Loading... Page Navigation 1 ... 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188