Book Title: Badmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Author(s): Seva Mandir Ravti Jodhpur
Publisher: Seva Mandir Ravti Jodhpur

View full book text
Previous | Next

Page 114
________________ विभाग ३ मा-स्तवन, स्तुति, स्तोत्रादि भक्ति साहित्य 8A । 10 1 क्ति स्त्रोत X12*4x39 सं.40 गा. 18वीं अजितं द्वितीयं जिनं 9 | 26x 13*5x31 19वीं 1947 मुंबई वृति बोधिदीपिकानाम्नी 17वीं 25 x 12*12 x 50 26 x 11*19 x 67 24x11*11 x 33 12 x 10*11 x 14 19वों साथ में उल्लासिक स्तोत्र अधूरा अक्ति चरित्र 1659 अर्थ भक्ति व सूचना । 33x22*54x32 ,5 ढाल 1926 अजीमगंज जीवा 1724 की कृति. भक्ति गीत , 23 गा. 18वीं 1550xविनयप्रभ 16x11*विभिन्न 17x16*20 x 25 25 x 12*9x35 26 x 11*14x42 | 27 x 12*15 x 50 |, 24+5 गा. 20वीं देवी भक्ति ,, 64 गा. 1793 सेरणा भाणसागर भक्ति ,, 37श्लो.--मंगलाष्टक 20वीं साथ में ऋषि मंडल भी तीर्य महात्म्य | 20x12*19x38 , 35 गा. 1789 भक्ति काव्य 24x12*14x36 27 x 13*15 x 36 ,, 8 पूजाये+वस्त्र पूजा 1894 अहिपुर सुमेरचंद्र 1893 पटन खुशालविजय 1913 x पीरदान प्रशस्ति वीगतवार 24x12*13x29 25x11*19x 65 |, 4 पद 1763जालौर इन्द्रसागर अलंकारिक रचना भक्ति मंत्रमय 21x12*13x 21 ,7+12 इलो. 20वीं प्रायश्चित+भक्ति 26x11*11x34 26 x 12425 x 11 27 x 11*20 x 62 21 x 11*13x18 ,58 गा. 1691 1666 की कृति. ,, 7 ढाल (54 गा.) | [ 1844 उमरलाई रत्नविजय ॥ 1882 |,, 16 गा. वृति ग्रं. 320/ 16वीं (अपरनाम लघु प्रशस्ति वृतिकार की - अजितशांति) 20वीं द्वि. वृति का नाम अर्थकल्पलता , 50 गा. 1694 जैसलमेर सूरविजय 5 | 26x 11*5x36 25x11*7x48 18वीं मेड़ता गुणविजय क्तिमय जीवनी ... 5 | 13x9*13x20 , 65 ग्रंथान. | 1776

Loading...

Page Navigation
1 ... 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188