Book Title: Badmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Author(s): Seva Mandir Ravti Jodhpur
Publisher: Seva Mandir Ravti Jodhpur
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भाग ३–जैन भक्ति व क्रियाकाण्ड :
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2
3
3A 456
बा. 244
अजित शांति स्तव
AjitaS'anti Stava
नंदिषेण /
मू+अ(प.ग)
प्रा.सं.
B-1042
"/
बा 245
,, / जिनप्रभ मू+
()
सि. 297
B-811
मू (प.)
B-गु. 38 | अजित शांति विवाहलो
Vivahalo
| मेरुनंदन
सि. 889 | अडसठ तीर्थ स्तवन
Adasatha TTrtha Stavara सोमहर्ष
8 | चौ.गु. 5 | अतीतानागत वर्तमान
जिनस्तवन B-1
Attānāgata Vartamana | जिनचंद्रसूरि
Jipa Stavana
बा. 246 | अनादि घन स्तोत्र+ Anadighana Stotra & | लालविनोद
सं.मा. जयमाला
Jayamala B-719 अम्बिका स्तुति Ambika Stuti सि. 298 | अरहणादि स्तोत्र Arahaņādi Stotra सि.गु. 881 | अर्बुदगिरि स्तवन Arbuda Giri Stavana | जिनउदयसूरि सि. 299 | अष्टप्रकारी पूजा Aştaprakārt Paja देवचंदजी d/|
ज्ञानसागर 15 | सि. 300 , पूजायें (दो)
देवचंदजी, शुभवीर | सि. 301 " पूजा
शुभवीर B-542 अष्टापद तीर्थ स्तुति । Astāpada TTrtha Stuti जयसागर/समय मुंदर मू+व (प.ग) प्रा.सं.
सि. 302 | बात्मरक्षा व ग्रहशांति
स्तोत्र B-549 आलोयणा स्तवन
Atmaraksa & Graha
S'anti Stotra Aloyaņā Stavana
विजयसेन सूरि
"
दो प्रति
B-131 बा. 247 | उल्लासिक्कम् स्तोत्र
Ullásikkam Stotra
विनयविजयd/
कीत्तिविजय जिनवल्लभ । |मू+व (पग.)| प्रा.सं.
धर्मतिलक भद्रबाहु/I पार्श्वदेव मू+व (दो) |
II जिनप्रभ धनपाल/नेमीचंद्र | मू· वृ (प.ग)
सि. 303 | उवसग्गहरं स्तोत्र
Uvasaggabaram Stotra
B-462
ऋषभ पञ्चाशिका
R$abha Pancāsikā
बा. 248
26 (सि.गु 883 | ऋषभ सज्झाय
»
Sajjbāya
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