Book Title: Badmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra Author(s): Seva Mandir Ravti Jodhpur Publisher: Seva Mandir Ravti Jodhpur View full book textPage 7
________________ प्राकृतमाम उपलब्ध ग्रंथान ग्रंथकार वर्गीकरण 6 क्रम. नाम 12 प्रमाण 7 टिप्पणी पृष्ठ सं. 89 4 5 ] 815 21 उत्थान श्रुत 22 उपासकदशाङ्ग 23 ऋषिभाषित 24 प्रोधनियुक्ति 25 ओपपातिक 26 कल्पाकल्प 27 कल्पावतंसिका 28 कल्पिका उट्ठाणसुयं उवासगदसामो इसिभासियाई मोहनिज्जुत्ति ओवाइयं कप्पिया कप्पियं कप्पवं डिसियाओ कप्पियामओ 800 सुधर्मावाचना 45बुद्धजिन 1355गा.1164 भद्रबाहु 1200 50 12,254 29 कवच कवय गा. 123 जिनचन्द्र 30 कषायप्रामृत कसायपाहु गा. 223 गुणधराचार्य 31 कृतिकर्म किदियम्म 32 क्षुल्लिकाविमानप्रविभक्ति खुड्डियाविमाणपविभत्ती 33 गच्छाचार गच्छायारं 175 गा.138 34 गणिविद्या गणिविज्जा 105 गा.86 35 गरुडोपपात गरुलोववाए 36 चतुःशरण चउसरण 80 गा.63 वीरभद्र 37 चन्द्रप्रज्ञप्ति चंदपन्नति 2200 38 चन्द्रवेध्यक चंदवेज्झय 171 गा. 174 39 चरण विधि चरणविही 40 चारणस्वप्नभावना चारणसुमिणभावणाण 41 चुल्लकल्पश्रुत चुल्लकप्पसुतं 42 जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति जंबुद्दीवपण्णत्ति 4450 43 जम्बू (द्वीप) प्रकरण जंबु पयन्नो 128 गा. 127 या, न.पा. का. व्य.नं.पा. अंग-का. (7) सर्वमान्य दिगंबर नाम-उपासकाध्ययन 6,252 __ का. नं.पा. मूल. 24,258 उपाङ्ग(1)उत्का. नं पा. 10,254 उत्का . नं.पा.ध. उपाङ्ग(9)का. नं.पा. का. नं.पा. इसी नामका निरियावलिका x में वर्ग है प्र.C2 दिगम्बर घ. अपरनाम पेज्जदोसपाहुडं घ.97 का. प्र. B4 प्र. A 2 उत्का. नंपा. का. नं.व्य पा. प्र A3 अ.नाम कुसलाणुबंधिअज्झयणं 28,262 उपाङ्ग (7) का. नं.पा.ध. दिगंबर में दृष्टिवाद परिकर्म प्र.A 4 उत्का . नं.पा . उत्का . नं.पा. का व्य.पा.जो. उत्का . नं.पा उपाङ्ग(5)का. न.पा.ध. दिगम्बर में दृष्टिवाद परिकम 10 प्र.c३ x xxxPage Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 188