Book Title: Badmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Author(s): Seva Mandir Ravti Jodhpur
Publisher: Seva Mandir Ravti Jodhpur

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Page 34
________________ विभाग १ आ (ii)-छेदसूत्र 15 8A 9 । 10 11 कल्याणक, स्थवि- 37से75| 25से 27x11से13 | सं. ग्रं. 1216 19/20 वीं रावलीव समाचारी 55 | 27x12*13x34 1959 43,54 | 26 x 11428 x 14 अपूर्णग्रं.710/जन्मोत्सवतक 20वीं 26 x 11*3 x 26 संपूर्ण, वृति ग्रं. 1658| 1668 x श्री चंदन 26 x 11*10 x 30 | , , 3532| 1687x जोशीविश्राम वृति कल्पदीपिका नाम्नि 1677 में रचित प्रशस्ति है; भावविजय द्वारा संशोधित 27x12*15x49 .. अं. 8225 | 17वीं । प्रशस्ति है। कल्पलता नाम्नि 26x11*16x38 संपूर्ण 18वीं- कनकचन्द्र-रत्नचंद्र 25x11*19x50 18वीं प्रशस्ति है। सुबोधिका नाम्नि 25x11424x11 ग्रं. 7599 19वीं ,,। कल्पद्र मकलिका नाम्नि 25x11*15x45 1,2,7वीं वाचना 25x11*14x49 अपूर्ण-केवल समाचारी | 18वीं 26x11*11x42 पने चिटके हुवे ,, शुरू के पन्ने हैं ,, तीसरी वाचना से लेकर , 26x11*22x57 25x10*13x50 ,, आमली क्रीड़ा से अन्त 19वीं 24x11*16 x 49 | ,, केवल जन्मोत्सव | 27x12*15x44 1, प्रारम्भ के18पन कम .. | 24 x 11*15 x 44 । प्रतिपूर्ण (समाचारी नहीं)। 1768, षट्पट्टनदेशे बृहतर खरतर बेगड़ विरातराग्रामे,मुनिसुंदर शाखा का इतिहास+ क्षमासुंदर 84 गच्छबीगत 23 x 11*14x30 | पूर्ण(बीच में2 पन्ने कम)| 1831 24x11*16 x 36 1850 पादरू रंगविजय संपूर्ण " | 26x12*15x38 1944 हमीरपुर रतनंद साथ में अन्तर्वाच्य भी 217 24x12*15x34 | अपूर्णस्थविरावलीव नसेन 18वीं तक 23,59, 24से 30 x 11से12 अपूर्ण 19/20वीं 72,117 25x11427x13 20/21वीं 114 1 26 x 10*13 x 44 | संपूर्ण ग्रं.1216 1795x शुभाचंद्र

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