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विभाग १ आ (ii)-छेदसूत्र
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कल्याणक, स्थवि- 37से75| 25से 27x11से13 | सं. ग्रं. 1216
19/20 वीं रावलीव समाचारी 55 | 27x12*13x34
1959 43,54 | 26 x 11428 x 14 अपूर्णग्रं.710/जन्मोत्सवतक 20वीं
26 x 11*3 x 26 संपूर्ण, वृति ग्रं. 1658| 1668 x श्री चंदन 26 x 11*10 x 30 | , , 3532| 1687x जोशीविश्राम वृति कल्पदीपिका
नाम्नि 1677 में रचित
प्रशस्ति है; भावविजय द्वारा संशोधित 27x12*15x49 .. अं. 8225 | 17वीं । प्रशस्ति है। कल्पलता नाम्नि
26x11*16x38
संपूर्ण
18वीं- कनकचन्द्र-रत्नचंद्र
25x11*19x50
18वीं
प्रशस्ति है। सुबोधिका नाम्नि
25x11424x11
ग्रं. 7599
19वीं
,,। कल्पद्र मकलिका नाम्नि
25x11*15x45
1,2,7वीं वाचना
25x11*14x49
अपूर्ण-केवल समाचारी | 18वीं
26x11*11x42
पने चिटके हुवे
,, शुरू के पन्ने हैं ,, तीसरी वाचना से लेकर ,
26x11*22x57
25x10*13x50
,, आमली क्रीड़ा से अन्त 19वीं
24x11*16 x 49
| ,, केवल जन्मोत्सव
| 27x12*15x44 1, प्रारम्भ के18पन कम ..
| 24 x 11*15 x 44 । प्रतिपूर्ण (समाचारी नहीं)। 1768, षट्पट्टनदेशे बृहतर खरतर बेगड़
विरातराग्रामे,मुनिसुंदर शाखा का इतिहास+ क्षमासुंदर
84 गच्छबीगत 23 x 11*14x30 | पूर्ण(बीच में2 पन्ने कम)| 1831 24x11*16 x 36
1850 पादरू रंगविजय
संपूर्ण
"
| 26x12*15x38
1944 हमीरपुर रतनंद
साथ में अन्तर्वाच्य भी 217 24x12*15x34 | अपूर्णस्थविरावलीव नसेन 18वीं
तक 23,59, 24से 30 x 11से12 अपूर्ण
19/20वीं 72,117 25x11427x13
20/21वीं
114 1 26 x 10*13 x 44 | संपूर्ण ग्रं.1216
1795x शुभाचंद्र