Book Title: Arshbhiyacharit Vijayollas tatha Siddhasahasra Namkosh
Author(s): Yashovijay
Publisher: Yashobharati Jain Prakashan Samiti

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Page 346
________________ 7. W0 वाम 1 M. WI . श्लोकानुक्रमणिका 211 पद्यानि पृष्ठाङ्का: / पद्यामि पृष्ठाङ्काः इति सचिव० ऋजुसूत्रविचार इतीरिते भूमि एकत्र भीत्यै इत्यादिचिन्ता एकातपत्रीकृत इत्युद्धतद्वैत० एकेन चक्रेण इदमस्त्वथ . एकोऽपि तेषां इदं विमश्य एतै रिदानीं पितु इन्द्रनीलमणि एवमेष विनिरीक्ष्य इमां जगद्भक्षण. एष्यद्विनिर्यद् इमां समुद्दीपित ऐक्षवं रसमिनाय इमां स शिक्षा ऐन्द्रस्तोमनता इयतैव निजा कचच्छलाद् मुष्टि उचितं भरतेश्वरो . कनकाभरण उज्जागरप्रशम कपालनाशात् उत्थितैः क्षिति करवाल इव उत्पातवृष्टौ करवालकरालता उदरम्भरिरेव कबिर्बुधश्चा उदितास्मदुप कापिलीयामव किमपश्यदमुद्रितेक्षण उदीक्ष्य तादात्विक किमयं विमनस्कतोदिता उद्वासयन्त्यन्य किमेष मेरुन उन्मिषत्पुर किमेष विष्णुन उपनीय विकल्प कियज्जितं जाग्रति उप्तः प्रभाते 77 / किं तरक्षुहरि I WC 44 Is my my w 106

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