Book Title: Arshbhiyacharit Vijayollas tatha Siddhasahasra Namkosh
Author(s): Yashovijay
Publisher: Yashobharati Jain Prakashan Samiti

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Page 395
________________ ( ढ ) * १-प्रात्मख्याति (माध्यम नव्यन्याय-दार्शनिक कृति) * २-प्रमेयमाला * ३-विषयतावाद * ४-वीतराग स्तोत्र (अष्टम प्रकाश)—बृहद् वृत्ति (,.) * 5-, ( , )-मध्यम वृत्ति (,,) *6- , ( , )-जघन्य वृत्ति (,) . * ७-वादमाला' (नव्यन्याय-दार्शनिक) * ८-वादमाला ( " ) * 8-चक्षुरप्राप्यकारितावाद (पद्यमय) * १०-न्यायसिद्धान्तमञ्जरी (शब्दखण्ड टीका) ११-तिङन्वयोक्ति (व्याकरण) १२-काव्यप्रकाश (द्वितीय तथा तृतीय उल्लास टीका) १३-सिद्धसहस्रनामकोश (पर्यायवाचक नाम) १४-आर्षभीय-चरित्र (महाकाव्य), १५-विजयोल्लास महाकाव्य १६-कूपदृष्टान्तविशदीकरण (धर्मशास्त्र) १७-यतिदिनचर्या (आचारशास्त्र) १८-'विजयप्रभसरिक्षामणकपत्र (पत्रकाव्य) * १६-स्तोत्रावली (हिन्दी अनुवाद सहित) २०-एक सौ आठ बोलसंग्रह 1. 0 इस चिह्न वाली कृतियां संशोधनपूर्वक मुद्रित हो चुकी हैं / 2. यह कृति हिन्दी अनुवाद, विस्तृत भूमिका एवं अन्य मावश्यक टिप्पणियों के साथ प्रकाशित हो चुकी है। 3. यह काव्य हिन्दी अनुवाद सहित 'स्तोत्रावली'-ग्रन्थ में प्रकाशित है। 4. इस ग्रन्थ का गुजराती भाषान्तर के साथ प्रकाशन भी शीघ्र ही करने की सम्भावना है। 5. इस संग्रह का मुद्रण चल रहा है।

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