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महोपवासी आचार्य श्री सन्मतिसागर दीक्षा स्वर्ण जयंती वर्ष में
डॉ. अनुपम जैन, इन्दौर 'वागीश्वरी पुरस्कार से सम्मानित'
आख्या
परम तपस्वी, महोपवासी आचार्य श्री सन्मतिसागरजी महाराज के वरिष्ठतम शिष्य, परम्परा के चतुर्थ पट्टाधीश, सिद्धान्त रत्नाकर, आचार्य श्री योगीन्द्रसागर जी महाराज के ससंघ तत्वावधान में आचार्य श्री सन्मतिसागर जी का स्वर्ण संयमोत्सव (50वाँ संयम दिवस) 2-6 नवम्बर 2011 के मध्य अनेक आयोजनों यथा चौबीसी ऋद्धि विधान आदि सहित मनाया गया। 2-5 नवम्बर के मध्य धार्मिक आयोजन हुये। इसमें 50 जोड़ों ने भाग लिया । वही 6 नवम्बर को 4 विशिष्ट आयोजन नवोदित तीर्थ शीतल तीर्थ पर रखे गये।
1. विकलागों को बैसाखियाँ एवं श्रवण यंत्रों का वितरण - गुरुवर आचार्य श्री सन्मतिसागर जी के 50वें संयम दिवस के उपलक्ष्य में शीतल तीर्थ के समीपवर्ती अंचल के 50 विकलांग भाई/बहनों को बैसाखियाँ एवं श्रवण यंत्र (Hearing Aids) प्रदान किये गये। आगामी वर्षों में और अधिक विकलागों को जीवनयापन हेतु आवश्यक / उपयोगी सामग्री देने का निर्णय किया गया।
2. भजनों की C.D. का विमोचन इस पुनीत अवसर पर पूज्य आचार्यश्री एवं शीतल तीर्थ की अधिष्ठात्री डॉ. सविता जैन द्वारा लिखित तथा श्री विनोद गौड़ के साथियों द्वारा स्वरबद्ध संगीतमय C. D. का विमोचन किया गया । म.प्र. के यशस्वी लोक स्वास्थ मंत्री श्री महेन्द्रजी हार्डिया के सम्मुख श्री विनोद गौड़ एवं उनके साथियों ने इन भजनों की जीवन्त प्रस्तुति (Live presentation) भी दी। इस प्रस्तुति के समय सम्पूर्ण सदन झूम उठा।
3. डॉ. अनुपम जैन को वागीश्वरी पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त युवा विद्वान तथा अर्हत् वचन शोध पत्रिका के सम्पादक डॉ. अनुपम जैन, इन्दौर को लक्षाधिक पाण्डुलिपियों के सूचीकरण एवं अलभ्य पाण्डुलिपियों की खोज के लिये बागीश्वरी पुरस्कार से शीतल तीर्थ रतलाम में पुरस्कृत किया गया। उक्त पुरस्कार के अंतर्गत उन्हें 51 हजार रुपए की राशि, वागीश्वरी देवी की धातु प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र, शाल एवं श्रीफल प्रदान किया गया । उक्त पुरस्कार नेशनल नानवायलेंस यूनिटी फाउण्डेशन ट्रस्ट, रतलाम द्वारा प्रदान किया गया।
कार्यक्रम पूज्य आचार्य श्री सन्मतिसागरजी के 50वें संयमोत्सव पर उनके वरिष्ठतम शिष्य चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य श्री योगीन्द्रसागरजी के ससंघ सान्निध्य में म.प्र. के आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री जयंत मलैया तथा स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री महेन्द्र हार्डिया के मुख्य आतिथ्य में शीतल तीर्थ रतलाम में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान के तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री महेन्द्र मालवीय ने की। इस अवसर पर पूर्व गृह मंत्री श्री हिम्मत कोठारी, रतलाम विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री विष्णु त्रिपाठी, महापौर श्री शैलेन्द्र डागा, प्रो. पी. एन. मिश्र, प्रो. श्रेणिक बंडी, प्रो. रजनीश जैन, डॉ. संजय जैन, श्री रमेश कासलीवाल, पं. लालमणी जैन-ग्वालियर, श्री पदमचंद मोदी, पार्षद श्रीमती आशा सोनी, श्री होलास सोनी, श्रीमती सुमन जैन, श्रीमती कृष्णा जैन- ग्वालियर आदि कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस अवसर पर अपने आशीर्वचन में महाराज ने कहा यह व्यक्ति नहीं गुणों का सम्मान है। डॉ. अनुपम जैन देव शास्त्र गुरु के प्रति अनन्य भक्ति रखते है। योजना के निर्माण, क्रियान्वयन एवं परिणाम प्राप्त होने तक वे निरन्तर समर्पित भाव से काम करते रहते है। इसके बावजूद विशेष बात यह है कि इनमें अहंकार नहीं है। जिनवाणी के प्रति इनका समर्पण स्तुत्य है। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष डॉ. अनुपम जैन सदृश समर्पित विद्वान को दिया जाए ऐसी प्रेरणा मैंने फाउण्डेशन के पदाधिकारियों को दी है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री महेन्द्र हार्डिया ने कहा कि मैं अनुपम को बहुत नजदीक से जानता हूँ उनकी कार्यशैली, प्रतिभा एवं क्षमता अद्भुत है। मैं इनको वागीश्वरी पुरस्कार की प्राप्ति पर बधाई देता हूँ। फाउन्डेशन के पदाधिकारियों के अनुरोध पर श्री हार्डियाजी ने शीतल तीर्थ परिसर में भूमि उपलब्ध कराये जाने पर 'आयुष' विभाग के अन्तर्गत आयुर्वेदिक अस्पताल खोले जाने की घोषणा। शीतलतीर्थ के समीपवर्ती ग्रामों के ग्रामीणों के स्वास्थ्य की चिन्ता करते हुए यहाँ अस्पताल खोले जाने की योजना एवं माननीय मंत्री श्री हार्डियाजी की तात्कालिक स्वीकृति की अर्हत् वचन, 24 (1), 2012
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