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अनुसन्धान-३१
-दिन सपदि यस्तु ब्रह्मशिष्योत्तमेभ्यः, .. स जयति भगवान् श्रीगौतमाचार्यवर्यः ॥
[सुमतिगणि कृत गणधरसार्धशतक बृहद्वृत्ति, पत्र ३ से ५ व्याख्या, दानसागरज्ञानभण्डार, ग्रंथांक १०६१, ले. १६३९ पत्रांक ४५ ए.बी.]
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C/o. प्राकृत भारती 13 A, मेन मालवीय नगर
जयपुर 302017
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