Book Title: Anusandhan 1998 00 SrNo 12
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
View full book text
________________
110
कृति
कर्ता
संपादक
अनु सं. - पत्र
० 'चप्पुयिका 0 'पहेणग ० 'पद्दिया
* गणधर होरा
अज्ञात- विजयशील- ११ । ४३-४६
कर्तृक चंद्रसूरि * ग्रन्थमाहिती
शीलचन्द्र- ३। ४५-५० विजय गणी +
ह. भायाणी * ग्रन्थमाहिती
३ । ५०-५१ सामयिकोमा प्रकाशित
लेख.व. * 'गांगेयभङ्ग प्रकरण सस्त- उपाध्यायश्री शीलचन्द्र- २। ५२-५७
बक' नामे कृतिना कर्ता यशोविजय विजय गणि विषे ऊहापोह
'गांगेय-भङ्ग प्रकरणम्' * गुरुस्तुतिरूप त्रण लघु कृतिओ
९ । ९२-९४ ० श्री जिनप्रबोधसूरि-श्री श्री मोहम- भंवरलाल नाहटा ९ । ९२-९३
जिनचन्द्रसूरि चन्द्रायणा न्दिर गणि ० श्री जिनप्रबोधसूरि- महं सज्जन- भंवरलाल नाहटा ९ । ९४ नाराचबंध छंद
श्रावक ० श्री जिनेश्वरसूरि महं सज्जन- भंवरलाल नाहटा ९ । ९३
कुण्डलिया
श्रावक
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140