Book Title: Anusandhan 1998 00 SrNo 12
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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126
कृति
कर्ता
संपादक
अनु सं. -- पत्र
* रेस्टोरेशन ओफ धि
के.आर.चन्द्रा ५। ६०-६२ ओरिजिनल लेंग्वेज ओफ धि अर्धमागधी टेक्स्ट्स :
एक परिचय * लघु कर्मविपाक-सस्तबकार्थ मुनि धर्मकीर्ति- ८। ८९-९९
विजय * ललितांग चरित्र - एक
ह. भायाणी ७। १२९ उत्तरकालीन विरल रासाबंध * ललितांग चरित्र-अपरनाम ईसरसूरि ह. भायाणी ८।१-६१
रासक चूडामणि * लेखशृंगार
पुण्यहर्ष महाबोधिविजय १० । ५०-६७ * वज्रस्वामी चरित आगमगच्छीय रमणीक शाह ६। ४७-५५ (अपभ्रंश भाषा बद्ध) आ.श्री.जिन
प्रभसूरि * वर्षानुं आगमन - जैन
अनुवाद : ह. १०।११०-१११ आगम ज्ञाताधर्मकथा -
भायाणी प्रथम श्रुतस्कंधमांनुं वर्षावर्णन * वाचक यशोविजयजीनो
पं. शीलचन्द्र- ६।६५-६७ पत्र - खरडो
विजय गणि
५ । ४०-४३
* शत्रुजयमंडन ऋषभदेव
स्तुति
तपागच्छे मुनि भुवनचन्द्र विजय दान सूरि शिष्य 'वासणा' साधु
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