Book Title: Anusandhan 1998 00 SrNo 12
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 135
________________ 130 संपादक अनु सं. - पत्र १२।१०५-१३४ साध्वीश्रीचारुशीलाश्रीजी मुनि भुवनचन्द्र ८ । ७०-७९ सूरि कृति कर्ता * सांकळियु : "अनुसंधान" १ थी १२ अंकोनुं * स्तंभतीर्थनां देरासरोनी सूचि - १ * श्री स्तंभनाधीश प्रबन्ध संग्रह : भूमिका * श्री स्तंभनाधीश प्रबन्ध मेरुतंग संग्रह * श्री स्तंभन पार्श्वनाथ द्वात्रिंशत् प्रबन्धोद्धार * स्तुत्यात्मक सात लघु कृतिओ १) मंगलपुरीय नवपल्लव . पार्श्वनाथ स्तवन २) मगसी पार्श्वनाथ स्तवन रविसागर (कुटुम्बनामगर्भित) ३) आदिनाथ स्तवन (सुख- रविसागर भक्षिकानामगर्भित) ४) वीरजिन स्तोत्र (सुखा- नेमिसागर शिका नामगर्भित) ५) हीर गीत ६) विजयसेनसूरि-गीत पुण्यहर्ष ७) आदिनाथ स्तुति (कुटु- पंडित म्बनाम गर्भित) भक्तिसागर विजय शील- ९।१-५ चन्द्र सूरि विजय शील- ९।६-६० चन्द्रसूरि विजय शील- ९ । ६१-७५ चन्द्र सूरि मुनि श्री धुरंधर- ८ । ८३-८८ विजयजी अज्ञात पुण्यहर्ष Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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