Book Title: Anusandhan 1998 00 SrNo 12
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 126
________________ कृति * धूमावलि प्रकरणम् न * श्री नवखंडा पार्श्वनाथ फग्गु काव्य * नव प्रकाशित साहित्यनो परिचय प * पञ्चसूत्रावचूरिः * पञ्चसूत्रना कर्ता कोण, चिरन्तनाचार्य के आ. हरिभद्र ? * पट्टक * पट्टावली विसुद्धी * पंडित वीरविजयजी स्वाध्यायग्रंथ * पढमाणुओगनी उपलब्ध वाचना Jain Education International 121 कर्ता सूरि पुरन्दर श्री हरिभद्र सूरि श्री आनंद माणिक्य संपादक आ. विजय सूर्योदयसूरि विजय मानसूरि आचार्य प्रद्यु मनसूरि तपगच्छपति विजय शील चन्द्र सूरि श्री मुनिसुन्दर सूरि विजय शील चन्द्र सूरि महाबोधिविजय उपाध्याय श्री प्रद्युम्नसूरि उदयविजय वसंत दवे पं. शीलचन्द्रविजय गणि For Private & Personal Use Only अनु सं. - पत्र ५ । १-३ ६ । ४३-४६ ५। ८५-८६ ११ । ४७-६२ ११ । ७१-९३ १० । ४५-४९ ७ । १-११ ९।१००-०१ ६ । १-४२ www.jainelibrary.org

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