Book Title: Angsuttani Part 01 - Ayaro Suyagao Thanam Samavao
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 992
________________ अट्ठसट्ठिमो समवाओ ८९३ २. उत्तरड्डमणुस्सखेत्ताणं छावट्टि चंदा पभासेंसु वा पभासेंति वा पभासिस्संति वा, छावर्द्वि सूरिया तविसु वा तवेति वा तविस्संति वा ॥ ३. सेज्जंसस्स णं अरहओ छावट्टि गणा छावढेि गणहरा होत्था ।। ४. आभिणिबोहियनाणस्स णं उक्कोसेणं छावढेि सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता ।। सत्तसट्ठिमो समवाओ १. पंचसंवच्छरियस्स णं जुगस्स नक्खत्तमासेणं मिज्जमाणस्स सत्तसट्टि नक्खत्त मासा पण्णत्ता॥ २. हेमवतेरण्णवतियाओ णं बाहाओ सत्तसट्ठि-सत्तसट्टि जोयणसयाइं पणपण्णाई तिण्णि य भागा जोयणस्स आयामेणं पण्णत्ताओ। ३. मंदरस्स णं पव्वयस्स पुरथिमिल्लाओ चरिमंताओ ‘गोयमस्स णं" दीवस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते, एस णं सत्तसटुिं जोयणसहस्साइं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ॥ ४. सव्वेसिपि णं नक्खत्ताणं सीमाविक्खंभेणं सत्तसटुिं 'भागं भइए' समंसे पण्णत्ते ।। अट्ठसट्ठिमो समवाओ १. धायइसंडे णं दीवे अट्ठसट्टि चक्कट्टिविजया अट्टसट्टि रायहाणीओ पण्णत्ताओ ।। २. धायइसंडे णं दीवे उक्कोसपए अट्ठस४ि अरहंता समुप्पज्जिसु वा समुप्पजेति वा समुप्पज्जिस्संति वा ॥ ३. एवं चक्कवट्टी बलदेवा वासुदेवा ।। ४. पुक्खरवरदीवड्ढे णं अट्ठसर्टि "चक्कवट्टिविजया अट्ठढेि रायहाणीओ पण्णत्ताओ॥ ५. पुक्खरवरदीवड्ढे णं उक्कोसपए अट्ठसढि अरहंता समुप्पज्जिसु वा समुप्पज्जेति वा समुप्पज्जिस्संति वा ।। ६. एवं चक्कवट्टी बलदेवा° वासुदेवा ।। ७. विमलस्स णं अरहओ अट्ठसट्टि समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया होत्था॥ १. गोयम (क, ख); यद्यपि सूत्रपुस्तकेषु द्वीपान् विना द्वीपान्तरस्याश्रयमाणत्वादिति । गौतमशब्दो न दृश्यते तथाप्यसौ दृश्यः, २. भाग भयते (ग)। जीवाभिगमादिषु लवणसमुद्रे गौतमचन्द्ररवि- ३. सं० पा०-विजया एवं चेव जाव वासुदेवा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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