Book Title: Angsuttani Part 01 - Ayaro Suyagao Thanam Samavao
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 1062
________________ पण्णस्स जाव चिंताए २।५०-५६;७।१५,२१ ११४२ पमज्जेत्ता जाव एगं ३।३४ ३।१५ परक्कमे जाव णो ३१७ ३।६ पागाराणि वा जाव दरीओ ३२४७ ३।४१ पाडिपहिया जाव आउसंतो ३३५७ ३३५४ पाणाइं जहा पिंडेसणाए १२१२ पाणाइजहा पिंडेसणाए चत्तारि आलावगा । पंचमे बहवे समणमाहणा पगणिय-पगणिय तहेव से भिक्खू वा २ अस्संजए भिक्खुपडियाए बहवे समणमहणा वत्थेसणालावओ ६१४-१२ १११२-१८,५२५-१३ पाणाणि वा जाव ववरोवेज्ज २०७१ १८८ पायं वा जाव इंदिय २१४६ ११८८ पायं वा जाव लूसेज्ज २७१ ११८८ पिहयं वा जाव चाउलपलंब १७,१४४ पुढविकाए जाव तसकाए १५।४२ २१४१ पूढवीए जाव संताणए १११०२५।३५,७।१० ११५१ पुरिसंतरकड जाव आसे वियं १।१८ पुरिसंतरकडं जाव पडिगाहेज्जा ५।१३ पूरिसंतरकडं जाव बहिया णीहडं अण्णयरंसि १०११० ११८ पुरिसंतरकडे जाव आसे विए २।६,११,१३ १११८ पूरिसंतरकडे जाव चेतेज्जा २।१५,१७ पुव्वोवदिट्ठा जाव चेतेज्जा २०३० २।२७ पूव्वोवदिट्ठा जाव जं १९१२।२३,२४,२५,२७,२८,२९,३।६,१३,४६,५।२७ ११५६ पुवोवदिट्ठा जाव णो ११९५ ११६१ पेहाए जाव चिताचिल्लडं ३।५६ ११५२ फलिहाणि वा जाव सराणि १११५ नि० १७११४१ फासिए जाव आणाए १५५६ १५२४६ फासिए जाव आराहिए १५७० १५४६ फास्यं जाव पडिगाहेज्जा १।२२,२५,८१,१००,१४६;५।२०,३०,७२८,३१ फासुयं पडिगाहेज्जा १११४१ ११५ फासुयं "लाभे संते जाव पडिगाहेज्जा १।१०१,१२८,५।१८ बहुकंटगं लाभे संते जाव' णो १।१३४ ११४ ११२२ ५।११ राह ११५ १.२. अत्र 'जाव' शब्दस्य व्यत्ययोपि वर्तते। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 1060 1061 1062 1063 1064 1065 1066 1067 1068 1069 1070 1071 1072 1073 1074 1075 1076 1077 1078 1079 1080 1081 1082 1083 1084 1085 1086 1087 1088 1089 1090 1091 1092 1093 1094 1095 1096 1097 1098 1099 1100 1101 1102 1103 1104 1105 1106 1107 1108