Book Title: Anekant Ras Lahari Author(s): Jugalkishor Mukhtar Publisher: Veer Seva Mandir View full book textPage 6
________________ अनेकान्त-रस-लहरी --00000000 [१] छोटापन और बड़ापन एक दिन अध्यापक वीरभद्रने, अपने विद्यार्थियोंको नया पाठ पढ़ानेके लिये, बोर्डपर तीन-इंचकी एक लाइन खींचकर विद्यार्थीसे पूछा 'बतलाओ यह लाइन छोटी है या बड़ी?' विद्यार्थीने चटसे उत्तर दिया-'यह तो छोटीहै।' इसपर अध्यापकने उस लाइनके नीचे एक इंचकी दूसरी लाइन बनाकर फिरसे पूछा 'अब ठीक देखकर बतलाओ कि ऊपरकी लाइन नं० १ बड़ी है या छोटी ?' विद्यार्थी देखते ही बोल उठा-'यह तो साफ बड़ी नजर पाती है। अध्यापक-अभी तमने इसे छोटी बतलाया था ? विद्यार्थी-हाँ, बतलाया था, वह मेरी भूल थी।Page Navigation
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