Book Title: Anekant 2007 Book 60 Ank 01 to 04 Author(s): Jaikumar Jain Publisher: Veer Seva Mandir Trust View full book textPage 3
________________ वीर सेवा मंदिर अनेकान्त का त्रैमासिक प्रवर्तक : आ. जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' - इस अक मे वर्ष-60, किरण- | -2 कहाँ/क्या? जनवरी-जून 2007 । अध्यात्मपद पण्डितप्रवर दागनगम जी । सम्पादक : 2 सम्पादकीय डॉ. जयकुमार जैन । माक्षमार्ग म वन्य आर अवन्द्य टा श्रयासकमार जेन 5 एक चिन्तन 420, पटल नगर + जन सम्कृत पुगणा मवां श्रम धम डॉ अशाक कमार जैन । मुजफ्फरनगर ( उ प्र । 5 आहमा आर अपरिग्रह की नीरज जैन फान (0/BI) 2003740 प्रार्मागकना 6 मनगम कत बारहखड़ी काव्य दा गगागम गर्ग मस्था की 'गर अक्षरमाला' आजीवन सदस्यता 7 भाग विकास व अपयश यूरजमलगवRI * चादखदी का विचित्र "जन मदिर' ललित शमा 1100/ । चन्द्रगुप्त मौर्य व उनकी कृति पतिप्टाचार्य यदीप कमार जन अनकान्त वार्षिक शुल्क मदर्शन झाल 30. 10 गटापण भाग्य एव अध्यात्मयागी प्राचार्य प निहालचा जन इस अक का मूल्य मनि श्रा निगदमागर जी ।। टिक और श्रमण सस्कृति म डॉ कमलश कमा जेन । भादान-पदानपक मनानानिक पक्रिया सदस्या ५ दिग क 12 श्रावकाचारो म वर्णित सल्लेखना - डॉ जय कमार जेन 761 लिए नि शुल्क विधि व साधक १३ पचास वर्ष पूर्व नया का विश्लेषण प वशीधर व्याकरणाचार्य 61 प्रकाशक 14 सम्कत, पाकृत अपभश साहित्य डा हुकमचन्द जन1031 भारतभषण जैन, वाकट। म वर्णित तीर्थंकर पारवनाथ चरित 1- जन परम्पग म भक्ति की अवधारणा डा अशोक कुमार जन 100 मुद्रक : 10 पाठकीय प्रतिक्रिया प रतनलाल बैनाटा 125 मास्टर प्रिन्टर्स, दिल्ली-2 17 ममीक्षा डॉ जयकुमार जैन 127 विशेष सूचना : विद्वान् लेखक अपने विचारों के लिए स्वतन्त्र हैं। यह आवश्यक नहीं कि मम्पादक उनके विचारों से सहमत हो। वीर सेवा मंदिर (जैन दर्शन शोध संस्थान) 21, दरियागंज, नई दिल्ली-110002, दूरभाष : 23250522 संस्था को दी गई सहायता राशि पर धारा 80-जी के अंतर्गत आयकर में छूट (रजि. आर 10591/62) -Page Navigation
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