Book Title: Amurtta Chintan
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 264
________________ अनुप्रेक्षा : प्रयोग और पद्धति २५३ अस्त-व्यस्त बना देती है। इससे स्मृति और एकाग्रता की शक्ति कम होती है। इसलिये धैर्य रखना बहुत जरूरी है। मैं धैर्य रखने का अभ्यास करूंगा। १० मिनट ६. महाप्राण ध्वनि के साथ ध्यान सम्पन्न करें। २ मिनट ___ मानसिक संतुलन की अनुप्रेक्षा १. महाप्राण ध्वनि २ मिनट २. कायोत्सर्ग ५ मिनट ३. हरे रंग का श्वास लें। अनुभव करें__ श्वास के साथ हरे रंग के परमाणु भीतर प्रवेश कर रहे हैं। . ३ मिनट ४. दर्शन केन्द्र पर हरे रंग का ध्यान करें। ३ मिनट ५. दर्शन केन्द्र पर ध्यान केन्द्रित कर अनुप्रेक्षा करें _ 'आवेश अनुशासित हो रहे हैं। मानसिक संतुलन बढ़ रहा है'-इस शब्दावली का नौ बार उच्चारण करें, फिर इसका नौ बार मानसिक जप करें। १० मिनट अनुचिंतन करें अस्वस्थ मन शरीर को अस्वस्थ बनाता है। शारीरिक स्वास्थ्य के लिए मानसिक स्वास्थ्य बहुत जरूरी है। अस्वाभाविक आकांक्षा, असहिष्णुता, अवांछनीय घटना मन को असंतुलित बना देती है। मानसिक असंतुलन सफलता की बहुत बड़ी बाधा है। समस्या का सामना करना और मानसिक संतुलन खोना एक बात नहीं है। मैं समस्या से जूझते हुए भी अपना मानसिक संतुलन बनाए रखूगा। मेरा विश्वास है कि प्रेक्षा-ध्यान के अभ्यास के द्वारा मैं अपने मन को इतना साध लूंगा कि वह प्रतिकूल परिस्थितियों में भी संतुलित रह सके। ६. महाप्राण ध्वनि के साथ ध्यान सम्पन्न करें। २ मिनट स्वावलम्बन की अनुप्रेक्षा १. महाप्राण ध्वनि २ मिनट - लयबद्ध दीर्घश्वास ५ मिनट ३. भस्त्रिका ५ मिनट कायोत्सर्ग ५ मिनट ५. संकल्प ५ मिनट Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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