Book Title: Amurtta Chintan
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 266
________________ अनुप्रेक्षा : प्रयोग और पद्धति २५५ सत्य की अनुप्रेक्षा १. महाप्राण ध्वनि २ मिनट २. लयबद्ध दीर्घश्वास ५ मिनट ३. भस्त्रिका ५ मिनट ४. कायोत्सर्ग ५ मिनट ५. संकल्प 'मैं सत्य के प्रति आस्थावान् रहूंगा। मैं असत्य नहीं बोलूंगा, पूर्वाग्रह से बचूंगा।' अभ्यास पद्धति-शांति-केन्द्र पर चित्त को केन्द्रित करें। फिर इस संकल्प की १५ मिनट तक पुनरावृत्ति की जाए-पांच मिनट उच्चारण पूर्वक, पांच मिनट मंद उच्चारण पूर्वक, पांच मिनट मानसिक अनुचिंतन के रूप में। ६. महाप्राण ध्वनि के साथ ध्यान संपन्न करें। २ मिनट समन्वय की अनुप्रेक्षा १. महाप्राण ध्वनि २ मिनट २. लयबद्ध दीर्घश्वास २ मिनट ३. भस्त्रिका ५ मिनट ४. कायोत्सर्ग ५ मिनट ५. संकल्प 'मैं विरोधी बातों और घटनाओं में संबंध खोजने का प्रयत्न करूंगा। मैं सर्वांगीण दृष्टिकोण का विकास करूंगा। अभ्यास पद्धति-दर्शन-केन्द्र पर चित्त को केन्द्रित करें। फिर इस संकल्प की १५ मिनट तक पुनरावृत्ति की जाए-पांच मिनट उच्चारण पूर्वक, पांच मिनट मंद उच्चारण पूर्वक और पांच मानसिक अनुचिंतन के रूप में। ६. महाप्राण ध्वनि के साथ ध्यान सम्पन्न करें। २ मिनट सम्प्रदाय निरपेक्षता की अनुप्रेक्षा १. महाप्राण ध्वनि २ मिनट २. लयबद्ध दीर्घश्वास ५ मिनट भस्त्रिका ५ मिनट ४. कायोत्सर्ग ५ मिनट Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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