Book Title: Akbar Pratibodhak Kaun
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Mission Jainatva Jagaran

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Page 27
________________ अकबर प्रतिबोधक कोन ? धार्मिक सुरक्षा संबंधी अकबर बादशाह का फ़रमान क्रमांक - 3 अल्लाहो अकबर । जलालुद्दीन महम्मद अकबर बादशाह ग़ाज़ी का फ़र्मान । अल्लाहो अकबर की मुहर के साथ नक़ल मुताबिक़ असल फ़र्मान के है। महान् राज्य के सहायक, महान् राज्य के वफ़ादार, श्रेष्ठ स्वभाव और उत्तम गुणवाले, अजित राज्य को दृढ बनानेवाले, श्रेष्ठ राज्य के विश्वास भाजन, शाही कृपापात्र, बादशाह द्वारा पसंद किये गये और ऊँचे दर्जे के ख़ानों के नमूने स्वरूप 'मुबारिज्जुदीन' (धर्मवीर) आज़मख़ान ने बादशाही महरबानीयाँ और बख्शिशों की बढ़ती से, श्रेष्ठता का मान प्राप्त कर जानना कि - भिन्न-भिन्न रीति-रिवाज वाले, भिन्न धर्मवाले, विशेष मतवाले और जुदा पंथवाले, सभ्य या असभ्य, , छोटे या मोटे, राजा या रंक, बुद्धिमान या मूर्ख-दुनिया के हरेक दर्जे या जाति के लोग, · कि जिसमें का प्रत्येक व्यक्ति ख़ुदाईनूर जहूर में आने का, प्रकट होने का - स्थान है और दुनिया को बनाने वालों के द्वारा निर्मित भाग्य के उदय में आनेकी असल जगह है; एवं सृष्टि संचालक (ईश्वर) की आश्चर्यपूर्ण अमानत हैं, - अपने अपने श्रेष्ठ मार्ग में दृढ रहकर, तन और मन का सुख भोगकर, प्रार्थनाओं और नित्यक्रियाओं में एवं अपने ध्येय पूर्ण करने में लगे रहकर, श्रेष्ठ बख़्शिशें देने वाले (ईश्वर) से दुआ-प्रार्थना करें कि, वह (ईश्वर) हमें दीर्घायु और उत्तम काम करने की सुमति दे। कारण, • मनुष्य जाति में से एक को राजा के दर्जे तक ऊँचा चढ़ाने और उसे सर्दार की पोशाक पहनाने में पूरी बुद्धिमानी यह है कि - वह (राजा) यदि सामान्य कृपा और अत्यंत दया को जो परमेश्वर की सम्पूर्ण दया का प्रकाश है - अपने सामने रखकर सबसे मित्रता न कर सके, तो कम-से-कम सबके साथ सुलेह-मेलकी नींव डालें और पूज्य व्यक्ति के (परमेश्वर के) सभी बंदों के साथ महरबानी, मुहब्बद और दया करे तथा ईश्वर की पैदा की हुई सब चीज़ों (सब प्राणियों) को - जो महान् परमेश्वर की सृष्टि के फल हैं - मदद करने का ख्याल रक्खे एवं उनके हेतुओं को सफल करने में और उनके रीति रिवाजों को अमल में लाने के लिए मदद करे कि जिससे बलवान् ग़रीब पर जुल्म न कर सके और हरेक मनुष्य प्रसन्न और सुखी हो । - 21

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