Book Title: Akbar Pratibodhak Kaun
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Mission Jainatva Jagaran

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Page 36
________________ अकबर प्रतिबोधक कोन ? अमारि एवं धार्मिक सुरक्षा संबंधी अकबर बादशाह का फ़रमान क्रमांक - 6 का अनुवाद अल्लाहो अकबर । 1. अबु-अलमुज़फ्फ़र सुल्तान..... का हुक्म. ऊँचे दर्जे के निशान की नक़ल असल के मुताबिक़ है । 6 इस वक्त ऊँचे दर्जे वाले निशान को बादशाही महरबानी से बाहर निकालने का सम्मान मिला ( है ) कि, - मौजूदा और भविष्य के हाकिमों, जागीरदारों, करोड़ियों और गुजरात सूबे के तथा सोरठ सरकार के मुसद्दियों ने, सेवड़ा (जैनसाधु) लोगों के पास गाय और बैलों को तथा भैंसों और पाड़ों को किसी भी समय मारने की तथा उनका चमड़ा उतारने की 'मनाई से संबंध रखनेवाले श्रेष्ठ और सुख के चिह्नोंवाला फ़र्मान है और उस श्रेष्ठ फ़र्मान के पीछे लिखा है कि, 'हर महीने में कुछ दिन इसके खाने की इच्छा नहीं करना तथा इसे उचित और फ़र्ज समझना। और जिन प्राणियों ने घर में या वृक्षों पर घौंसले बनाये हां, उन्हें मारने या कैद करने (पिंजरे में डालने) से दूर रहने की पूरी सावधानी रखना।' इस मानने लायक़ फ़र्मान में और भी लिखा है कि योगाभ्यास करने वालों में श्रेष्ठ हीरविजयसूरि के शिष्य विजयसेनसूरि सेवड़ा और उसके धर्म को पालने वालेजिन्हें हमारे दर्बार में हाज़िर होने का सम्मान प्राप्त हुआ है और जो हमारे दर्बार के खास हितेच्छु है- उनके योगाभ्यास की सत्यता और वृद्धि तथा परमेश्वर की शोध पर नजर रख (हुक्म हुआ कि ), - इनके मंदिरों या उपाश्रयों में कोई न ठहरे एवं कोई इनका तिरस्कार भी न करे। अगर ये जीर्ण होते हों और इनके माननेवालों, चाहनेवालों या ख़ैरात करने वालों में से कोई इन्हें सुधारे या इनकी नींव डाले तो कोई भी बाह्य ज्ञानवाला या धर्मांध उसे न रोके । और जैसे खुदा को नहीं पहचानने वाले, बारिश को रोकने या ऐसे ही दूसरे काम - जो पूज्य जात के (ईश्वर के) काम हैं - करने का दोष, मूर्खता और बेवकूफ़ी के सबब, उन्हें जादू के काम समझ, उन बेचारे खुदा के मानने वालों पर लगाते हैं और उन्हें अनेक प्रकार के दुःख देते हैं तथा वे जो धर्म क्रियाएं करते हैं उनमें बाधा डालते हैं। ऐसे कामों का दोष इन बेचारों पर नहीं लगाकर इन्हें अपनी जगह और मुकाम पर खुशी के साथ भक्ति का काम करने देना चाहिए एवं अपने धर्म के अनुसार उन्हें धार्मिक क्रियाएँ करने देना देखो पेज 165, 166। (सूरीश्वर और सम्राट) 30 1

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