Book Title: Agam Sutra Satik 34 Nishith ChhedSutra 1
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 1317
________________ ४१८ निशीथ - छेदसूत्रम् - ३- २०/१३८३ गुणिया हवंति । सतं तु एक्कगसंजोगे अनुग्घातातिगकएहिं पणयालीसं दु अनुग्धाता गुणिता अद्धपंचमसता जाता दुगाणं अनुग्धाए बारससय इगवीससय पणुवीसवीसा इक्कवीससय बारसय अद्धपंचसता य एवं सतं दस य । एते अनुग्घाताणं संजोगा एक्कगादिया सव्वे ते सम्मिलिता तीससहिया दोन्निसया दससहस्सा य । अहुणा "उग्घातितदुगएहिं, पणयालीसाए सव्वसंजोगा । अनुग्घातियाण गुणिया, एक्कादितिमेत्तिया रासी ॥ एक्के चउसतपन्ना, पणुवीसा दो सहस्स दुग जोगे । चउप्पन्नसया नव सहस चउसयपन्नास चउजोगे ॥ सेसा उवरि मुहुत्ता, नेयव्वा दस य पणचत्ता । एते सव्वे मिलिय छायालसहस्स होंति पणतीसा ॥ उघातियदुअएहिं सव्वग्गेयं अनुग्घाते । अहनुग्घात दुएहिं, पणयालिसएण सव्वसंजोगा । अनुग्घातियाण गुणिया, एक्कादितिमेत्तिया रासी । बारस चउप्पन्नसया, चउसया चोद्दसय सहस्स तियजोए ।। पणुवीससहस्सा, दो य सया हुंति चउजोगे । चत्तऽहिता दोन्नि सता, तीससहस्सा य पंचसंजोगे ॥ सेसा उवरिमुहुत्ता, जा वीसऽ धियं सयं दसए । उग्घातितसंजोगा नुग्घाति य एक्कदातिसंजोगा ॥ सत्तसया सहिया, बावीस सहस्स लक्खो यं । इगवास सथा एगे, चउनउति सता दुगम्मि पन्नऽहिया ॥ तिगजोगेऽनुग्धाता, पणुवीस सहस दो य सया । चउचत्तसहस्स सतं, चउजोगपणम्मि दुसय बावन्ना || सेसा उवरिमुहुत्ता, दसगम्मि दसुत्तरा दोन्नि । एवं उग्घाय चउक्कएणं अधिग सत दसगेणं ॥ एगादि अनुग्घाता, गुणियफला सव्विमो रासी । अट्ठसया तीसहिया चोद्दससयसहस्स दोइ लक्खाई ।। कायव्वसेसगेसु वि, एवं सव्वफला पिंडरासी य । - उग्घातानुग्घातमीसेगसुत्तसव्वसंखेवो इमो मीसगसुत्तसमासे, छायाल सहस्स दस य लक्खाई । पंचसय अउनतीसा, दस पद संखित्तसंखेवो । एवं कए जे सगलसाहिया संजोगा लब्धंति ते नवमसुत्तभेदा भवंति, जे पुण सेसा ते सगलसुत्तभेदा वा साधितसुत्तभेदा वा इत्यर्थः । एवं बहुससुत्ते वि दसमे वक्खाणं संखाय अपरिसेसा भाणियव्वा । नवरं - बहुसाभिलावो भाणियव्वो, एते य दस सुत्ता बहुभंगाकुला नो इह सव्वभगेहिं भणिया, ते य न भणिया अतिवित्थरोत्ति काउं जे न भणिया ते उवउज्जिउं गुरूवदेसतो वा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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