Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 04
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 269
________________ २६८ आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद हैं । उनसे असंख्यातगुण कर्कश पुद्गल प्रदेशार्थ से असंख्यातगुण हैं . उनसे अनन्तगुण कर्कश पुद्गल द्रव्यार्थ से अनन्तगुण हैं । उनसे अनन्तगुण कर्कश पुद्गल प्रदेशार्थ से अनन्तगुण हैं । इसी प्रकार मृदु, गुरु और लघु स्पर्श के अल्पबहुत्व में कहना । शीत, उष्ण, स्निग्ध और रूक्ष स्पर्शों-सम्बन्धी अल्पबहुत्व वर्णों अनुसार है । भगवन् ! एक परमाणु पुद्गल द्रव्यार्थ रूप से कृतयुग्म है, त्र्योज, द्वापरयुग्म है या कल्योज है ? गौतम ! वह कृतयुग्म त्र्योज या द्वापरयुग्म नहीं है, किन्तु कल्योज है । इसी प्रकार अनन्तप्रदेशी स्कन्ध तक जानना चाहिए । [८८९] भगवन् ! (बहुत) परमाणुपुद्गल द्रव्यार्थ से कृतयुग्म हैं ? इत्यादि प्रश्न । गौतम ! ओघादेश से कदाचित् कृतयुग्म, यावत् कल्योज हैं; किन्तु विधानादेश से कृतयुग्म, त्र्योज या द्वापरयुग्म नहीं हैं, कल्योज हैं । इसी प्रकार यावत् अनन्तप्रदेशी स्कन्धों पर्यन्त जानना । भगवन् ! परमाणुपुद्गल प्रदेशार्थ से कृतयुग्म है ? गौतम ! वह कल्योज है । भगवन् ! द्विप्रदेशी स्कन्ध ? गौतम ! वह द्वापरयुग्म है । भगवन् ! त्रिप्रदेशी स्कन्ध ? गौतम ! वह व्योज है । भगवन् ! चतुष्प्रदेशिक स्कन्ध ? गौतम ! वह कृतयुग्म है । पंचप्रदेशी स्कन्ध परमाणुपुद्गल समान जानना । षट्प्रदेशी द्विप्रदेशीस्कन्ध समान जानना । सप्तप्रदेशी स्कन्ध त्रिप्रदेशी समान है । अष्टप्रदेशी स्कन्ध परमाणुपुद्गल समान जानना । नवप्रदेशी स्कन्ध परमाणुपुद्गल समान जानना । दशप्रदेशी स्कन्ध द्विप्रदेशिक समान है । भगवन् ! संख्यातप्रदेशी पुद्गल ? गौतम ! वह कदाचित् कृतयुग्म है, यावत् कदाचित् कल्योज है । इसी प्रकार असंख्यातप्रदेशी और अनन्तप्रदेशी स्कन्ध भी जानना । भगवन् ! (बहुत) परमाणुपुद्गल प्रदेशार्थरूप से कृतयुग्म हैं ? गौतम ! ओघादेश से वे कदाचित् कृतयुग्म हैं, यावत् कदाचित् कल्योज हैं । विधानादेश से कल्योज हैं । भगवन् ! (अनेक) द्विप्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से ? गौतम ! ओघादेश से कदाचित् कृतयुग्म हैं, कदाचित् द्वापरयुग्म हैं । भगवन् ! (अनेक) त्रिप्रदेशी स्कन्ध, प्रदेशार्थ से ? गौतम ! ओघादेश से कदाचित् कृतयुग्म हैं, यावत् कदाचित् कल्योज हैं । विधानादेश से त्र्योज हैं । भगवन् ! चतुष्प्रदेशिक स्कन्ध, प्रदेशार्थ से ? गौतम ! वे कृतयुग्म हैं । पंचप्रदेशी स्कन्धों परमाणुपुद्गल के समान है । षट्प्रदेशी स्कन्धों द्विप्रदेशी स्कन्धों के समान । सप्तप्रदेशी स्कन्ध त्रिप्रदेशी स्कन्धवत् । अष्टप्रदेशी स्कन्ध चतुष्प्रदेशी स्कन्ध के समान । नवप्रदेशी स्कन्ध परमाणु-पुद्गलों के समान । दशप्रदेशी स्कन्ध द्विप्रदेशी स्कन्ध के समान । भगवन् ! (अनेक) संख्यातप्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थरूप से ? गौतम ! ओघादेश से कदाचित् कृतयुग्म हैं, यावत् कदाचित् कल्योज हैं । विधानादेश से कृतयुग्म भी हैं यावत् कल्योज भी हैं । इसी प्रकार (अनेक) असंख्यातप्रदेशी और अनन्तप्रदेशी स्कन्धों जानना । भगवन् ! (एक) परमाणु-पुद्गल कृतयुग्मप्रदेशावगाढ़ है ? इत्यादि पृच्छा । गौतम ! वह कृतयुग्म, त्र्योज या द्वापरयुग्म-प्रदेशावगाढ़ नहीं है, किन्तु कल्योज-प्रदेशावगाढ़ है । भगवन् ! द्विप्रदेशी स्कन्ध प्रश्न । गौतम ! वह कदाचित् द्वापरयुग्म प्रदेशावगाढ़ और कदाचित् कल्योज-प्रदेशावगाढ़ है । भगवन् ! त्रिप्रदेशी स्कन्ध ? गौतम ! वह कृतयुग्म-प्रदेशावगाढ़ नहीं है किन्तु कदाचित् त्र्योज कदाचित् द्वापरयुग्म और कदाचित् कल्योज-प्रदेशावगाढ़ है । भगवन् ! चतुष्प्रदेशी स्कन्ध ? गौतम ! वह कदाचित् कृतयुग्म-प्रदेशावगाढ़ है, यावत् कदाचित् कल्योज

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