Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 04
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 272
________________ भगवती-२५/-/४/८९१ २७१ असंख्यात-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे हैं । द्रव्यार्थ के समान प्रदेशार्थ से भी अल्पबहुत्व जानना । किन्तु परमाणु-पुद्गल में प्रदेशार्थ के बदले 'अप्रदेशार्थ' कहना तथा निष्कम्प संख्यात-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से संख्यातगणे जानना । द्रव्यार्थ-प्रदेशार्थ से निष्कम्प अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से सबसे अल्प हैं । उनसे निष्कम्प अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से अनन्तगुणे । सकम्प अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से अनन्तगुणे । उनसे सकम्प अनन्तप्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से अनन्तगुणे । उनसे सकम्प परमाणु-पुद्गल द्रव्यार्थ से अप्रदेशार्थरूप से अनन्तगुणे । उनसे सकम्प संख्यात-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे । उनसे सकम्प संख्यात-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से असंख्यातगुणे । उनसे सकम्प असंख्यात-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे । उनसे सकम्प असंख्यात-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से असंख्यातगुणे । उनसे निष्कम्प परमाणु-पुद्गल द्रव्यार्थ-अप्रदेशार्थ रूप से असंख्यातगुणे । उनसे निष्कम्प संख्यात-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे । उनसे निष्कम्प संख्यात-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से असंख्यातगुण । उनसे निष्कम्प असंख्यात-प्रदेशी स्कन्ध द्रव्यार्थ से असंख्यातगुणे और उनसे निष्कम्प असंख्यात-प्रदेशी स्कन्ध प्रदेशार्थ से असंख्यातगुणे हैं । भगवन् ! परमाणु पुद्गल देशकम्पक है, सर्वकम्पक है या निष्कम्पक है ? गौतम ! परमाणु-पुद्गल देशकम्पक नहीं है, वह कदाचित् सर्वकम्पक है, कदाचित् निष्कम्पक है । भगवन् ! द्विप्रदेशी स्कन्ध ? गौतम ! वह कदाचित् देशकम्पक, कदाचित् सर्वकम्पक और कदाचित् निष्कम्पक होता है । इसी प्रकार यावत् अतन्त-प्रदेशी स्कन्ध तक जानना । भगवन् ! (बहुत) परमाणु-पुद्गल ? गौतम ! वे सर्वकम्पक हैं और निष्कम्पक भी हैं । भगवन् ! (बहुत) द्विप्रदेशी-स्कन्ध ? गौतम ! वे देशकम्पक भी हैं, सर्वकम्पक भी हैं और निष्कम्पक भी हैं । इसी प्रकार यावत् (बहुत) अनन्त-प्रदेशी स्कन्धों को जानना । भगवन् ! (एक) परमाणु पुद्गल सर्वकम्पक कितने काल तक रहता है ? गौतम ! जघन्य एक समय तक और उत्कृष्ट आवलिका के असंख्यातवें भाग । भगवन् (एक) परमाणुपुद्गल निष्कम्पक कितने काल तक रहता है । गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट असंख्यात काल । भगवन् ! द्विप्रदेशी-स्कन्ध देशकम्पक काल ? गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट आवलिका के असंख्यातवें भाग । भगवन ! (द्वि-प्रदेशी स्कन्ध) सर्वकम्पक काल ? जघन्य एक समय और उत्कृष्ट आवलिका के असंख्यातवें भाग । भगवन् ! (द्विप्रदेशी स्कन्ध) निष्कम्पक काल ? गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट असंख्यात काल । इसी प्रकार यावत् अनन्त-प्रदेशी स्कन्ध जानना । भगवन् ! (अनेक) परमाणु-पुद्गल सर्वकम्पक कितने काल तक रहते हैं ? गौतम ! सदा काल । भगवन् ! (अनेक परमाणु-पुद्गल) निष्कम्पक काल ? गौतम ! सदा काल । भगवन् ! द्विप्रदेशी स्कन्ध देशकम्पक काल ? गौतम ! सर्वकाल । भगवन् ! वे कितने काल तक सर्वकम्पक रहते हैं ? गौतम ! सदा काल | भगवन् ! (द्विप्रदेशी स्कन्ध) निष्कम्पक काल ? सदा काल । इसी प्रकार अनन्तप्रदेशी स्कन्ध तक का कालमान जानना चाहिए । भगवन् ! सर्वकम्पक परमाणु-पुद्गल का अन्तर कितने काल का होता है ? गौतम ! स्वस्थान की अपेक्षा जघन्य एक समय का और उत्कृष्ट असंख्यात काल का अन्तर होता है । परस्थान की अपेक्षा भी जघन्य एक समय का और उत्कृष्ट असंख्यातकाल का । भगवन् !

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