Book Title: Agam Sutra Hindi Anuvad Part 04
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Aradhana Kendra

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Page 270
________________ भगवती - २५/-/४/८८९ प्रदेशावगाढ़ है । इसी प्रकार अनन्तप्रदेशी स्कन्धावगाढ़ तक जानना । भगवन् ! (बहुत) परमाणु- पुद्गल कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़ हैं । इत्यादि प्रश्न । गौतम ! ओघादेश से कृतयुग्म - प्रदेशावगाढ़ हैं, किन्तु त्र्योज, द्वापरयुग्म और कल्योज- प्रदेशावगाढ़ नहीं हैं । विधानादेश से वे कृतयुग्म त्र्योज तथा द्वापरयुग्म प्रदेशावगाढ़ नहीं हैं, किन्तु कल्योज - प्रदेशावगाढ़ हैं । भगवन् ! (बहुत) द्विप्रदेशीस्कन्ध ? प्रश्न । गौतम ! ओघादेश से वे कृतयुग्म - प्रदेशावगाढ़ हैं, विधानादेश से द्वापरयुग्म प्रदेशावगाढ़ एवं कल्योज - प्रदेशावगाढ़ हैं । भगवन् ! त्रिदेशीस्कन्ध ? प्रश्न । गौतम ! ओघादेश से वे कृतयुग्म प्रदेशावगाढ़ हैं, विधानादेश से वे द्वापरयुग्म और कल्योज - प्रदेशावगाढ़ भी हैं । भगवन् ! चतुष्प्रदेशीस्कन्ध ? प्रश्न । गौतम ! वे ओघादेश से कृतयुग्म- प्रदेशावगाढ़ हैं, विधानादेश से वे कृतयुग्म, यावत् कल्योज - प्रदेशावगाढ़ भी हैं । इसी प्रकार अनन्तप्रदेशीस्कन्ध तक जानना चाहिए । भगवन् ! (एक) परमाणु- पुद्गल कृतयुग्म समय की स्थिति वाला है ? गौतम ! वह कदाचित् कृतयुग्म - समय की स्थिति वाला है, यावत् कदाचित् कल्योज - समय की स्थिति वाला है । इसी प्रकार अनन्तप्रदेशीस्कन्ध तक जानना । भगवन् ! (बहुत) परमाणु-पुद्गल कृतयुग्मसमय की स्थिति वाले हैं ? ओघादेश से वे कदाचित् कृतयुग्म, यावत् कदाचित् कल्योज -समय की स्थिति वाले हैं, विधानादेश से वे कृतयुग्म-समय, यावत् कल्योज - समय की स्थिति वाले भी हैं । इसी प्रकार यावत् अनन्तप्रदेशीस्कन्ध तक जानना । भगवन् ! (एक) परमाणु- पुद्गल काले वर्ण के पर्यायों की अपेक्षा कृतयुग्म है अथवा योज है ? गौतम ! स्थिति सम्बन्धी वक्तव्यता समान वर्णों एवं सभी गन्धों जानना । इसी प्रकार सभी रसों की मधुररस तक जानना । भगवन् ! (एक) अनन्तप्रदेशीस्कन्ध कर्कशस्पर्श के पर्यायों की अपेक्षा कृतयुग्म है ? वह कदाचित् कृतयुग्म है, यावत् कदाचित् कल्यो है । भगवन् ! ( अनेक ) अनन्तप्रदेशीस्कन्ध कर्कशस्पर्श के पर्यायों की अपेक्षा कृतयुग्म हैं ? ओघादेश से वे कदाचित् कृतयुग्म हैं, यावत् कदाचित् कल्योज हैं तथा विधानादेश से कृतयुग्म भी हैं, यावत् कल्योज भी हैं । इसी प्रकार मृदु, गुरु एवं लघु स्पर्श के सम्बन्ध में भी कहना । शीत, उष्ण, स्निग्ध और रूक्ष स्पर्शो वर्णों के समान है । २६९ [८९०] भगवन् ! परमाणु- पुद्गल सार्द्ध है या अनर्द्ध है ? गौतम ! वह सार्द्ध नहीं है, अर्द्ध है । भगवन् ! द्विप्रदेशिक स्कन्ध ? गौतम ! वह सार्द्ध है, अनर्द्ध नहीं । त्रिप्रदेशीस्कन्ध परमाणु- पुद्गल समान है । चतुष्प्रदेशीस्कन्ध द्विप्रदेशीस्कन्ध समान है । पंचप्रदेशीस्कन्ध त्रिप्रदेशीस्कन्धवत् है । षट्प्रदेशीस्कन्ध द्विप्रदेशीस्कन्ध समान जानना । सप्तप्रदेशीस्कन्ध त्रिप्रदेशीस्कन्ध समान है । अष्टप्रदेशीस्कन्ध द्विप्रदेशीस्कन्ध जैसा है । नवप्रदेशीस्कन्ध त्रिप्रदेशीस्कन्ध जैसा है । दशप्रदेशीस्कन्ध द्विप्रदेशी स्कन्ध समान जानना । भगवन् ! संख्यातप्रदेशीस्कन्ध ? गौतम ! कदाचित् सार्द्ध है और कदाचित् अनर्द्ध है । इसी प्रकार असंख्यातप्रदेशी और अनंतप्रदेशीस्कन्ध के विषय में कहना | भगवन् ! ( अनेक) परमाणु- पुद्गल सार्द्ध हैं या अनर्द्ध हैं ? गौतम ! वे सार्द्ध भी हैं और अनर्द्ध भी हैं । इसी प्रकार अनन्तप्रदेशी स्कन्ध तक जानना चाहिए । [८९१] भगवन् ! (एक) परमाणु- पुद्गल सैज (सकम्प ) है या निरेज (निष्कम्प ) ? गौतम ! वह कदाचित् सकम्प होता है और कदाचित् निष्कम्प होता है । इसी प्रकार अनन्तप्रदेशी

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