Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 03 of 01
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 182
________________ श्रीमत्स्थानाङ्गसूत्रम् / अध्ययनं 6 ] [ 431 समणस्स णं भगवतो महावीरस्स णव गणा हुत्था, तंजहा-गोदासे गणे उत्तरबलिस्सहगणे उद्देहगणे चारणगणे उद्दवातितगणे विस्सवातितगणे कामड्डितगणे माणवगणे कोडितगणे ॥सू०६८०॥ समणेणं भगवता महा. वीरेणं समणाणं णिग्गंथाणं णवकोडिपरिसुद्धे भिक्खे पन्नत्ते, तंजहाण हणइ ण हणावइ हणंतं णाणुजाणइ ण पतति ण पतावेति पतंतं णाणुजाणति ण किणति ण कितावेति किणंतं णाणुजाणति // सू० 681 // ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरराणो वरुणस्स महारनो णव अग्गमहिसीनो पन्नतायो // सू० 682 // ईसाणस्स णं देविंदस्स देवरगणो अग्गमहिसीणं णव पलिग्रोवमाई -ठिती पन्नत्ता, 1 / ईसाणे कप्पे उक्कोसेणं देवीणं णव पलिग्रोवमाइं ठिती पन्नत्ता, 2 / / सू० 683 // नव देवनिकाया पन्नत्ता, तंजहा-सारस्सयमाइचा वराही वरुणा य गद्दतोया य / तुसिया अव्वाबाहा अग्गिचा चेव रिट्ठा य // 1 // अब्वाबाहाणं देवाणं नव देवा नव देवसया पन्नत्ता, एवं अग्गिञ्चावि, एवं रिट्ठावि // सू० 684 // णव गेवेजविमाणपत्थडा पनत्ता, तंजहाहेट्ठिमहेट्ठिमगेविजविमाणपत्थडे हेटिममज्झिमगेविजविमाणपत्थडे हेट्ठि मउवरिमगेविजविमाणपत्थडे मज्झिमहेट्ठिमगेविजविमाणपत्थडे मज्झिममझिमगेविजविमाणपत्थडे मज्झिमउवरिमगेविजविमाणपत्थडे उवरिमहेटिमगेविजविमाणपत्थडे उरिममज्झिमगेविजविमाणपत्थडे उवरिमरगेविजविमाणपत्थडे 1 / एतेसि णं णवरहं गेविजविमाणपत्थडाणं णव नामधिज्जा पन्नता, तंजहा-भद्दे सुभद्दे सुजाते सोमणसे पितदरिसणे / सुदंसणे अमोहे य सुप्पबुद्धे जसोधरे // 1 // सू. 685 || नवविहे श्राउपरिणामे पन्नत्ते, तंजहा-गतिपरिणामे गतिबंधणपरिणामे ठिइपरिणामे ठितिबंधणपरिणामे उड्ढगारवपरिणामे अहेगारवपरिणामे तिरितंगारवपरिणामे दीहंगारवपरिणामे रहस्संगारवपरिणामे // सू० 686 // णवणवमिता णं

Loading...

Page Navigation
1 ... 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210