Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 03 of 01
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 203
________________ 452 ] [ श्रीमदागमनुधासिन्धुः / प्रथमो विभागः 8 तीसं मोहणिजट्टाणा 1 श्राजाइट्ठाणं 10.6 / पराहावागरणदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा-उवमा १संखा 2 इसिभासियाई 3 श्रायरियभासिताई 4 महावीरभासियाई 5 खोमगपसिणाई 6 कोमलपसिणाई 7 अदागपसिणाई 8 अंगुठ्ठपसिणाई 1 बाहुपसिणाई 107 / बंधदसाणं दस अभयणा पन्नत्ता, तंजहा-बंधे 1 य मोक्खे 2 य देवद्धि 3 दसारमंडले वित 4 पायरियविप्पडिवत्ती 5 उवन्मातविप्पडिवत्ती 6 भावणा 7 विमुत्ती 8 सातो ( सासते ) 1 कम्मे 10.8 / दोगेहिदसाणं दस अज्झयणा पनत्ता, तंजहा-वाते 1 विवाते 2 उववाते 3 सुक्खित्ते कसिंणे 4 बायालीसं सुमिणे 5 तीसं महासुमिणा 6 बावत्तरि सव्वसुमिणा 7 हारे 8 रामे 1 गुत्ते 10 एमेते दस पाहीता 1 / दीह दसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा-चदे सूरते सुक्के त सिरिदेवी पभावती दीव-समुद्दो-बवती बहूपुत्ती मंदरेति थेरे संभूतविजते थेरे पम्ह ऊसासनीसासे 10 / संखेवितदसाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा-खुड्डिया विमाणपविभत्ती 1 महल्लिया विमाणपविभत्ती 2 अंगचूलिया 3 वगचूलिया 4 विवाहचूलिया 5 अरुणोववाते 6 वरुणोक्वाए 7 गरुलोववाते 8 वेलंधरोदवाते 1 वेसमणोववाते 10-11 // सू० 755 // दस सागरोवमकोडाकोडीयो कालो उस्सप्पिणीते दस सागरोवमकोडाकोडीयो कालो योसाँप्पणीते॥सू.७५६ // दसविधा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा-अणंतरोक्वन्ना परंपरोक्वन्ना अणंतरावगाढा परंपरावगाढा अणंतराहारगा परंपराहारगा यणंतरपजत्ता परंपरपजत्ता चरिमा अचरिमा, एवं निरंतरं जाव वेमाणिया 24, 1 / चउत्थीते णं पंकप्पभाते पुढबीते दस निरतावाससतसहस्सा पनत्ता 1 / रयणप्पभाते पुढवीते जहन्नेणं नेरतिताणं दसवाससहस्साई ठिती पन्नत्ता. 2 / चउत्थीते णं पंकप्पभाते पुढवीते उक्कोसणं नेरतिताणं दस सागरो. वमाइं ठिती एगणत्ता 3 / पंचमाते णं धूमप्पभाते पुखीते जहन्नेणं

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