Book Title: Agam Kaha Koso evam Agam Nama Koso
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Shrut Prakashan Nidhi

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Page 12
________________ ૧૨. आगम कहा एवं नामकोसो बाल ब्रह्मचारी श्री नेमिनाथाय नम : नमो नमो निम्मलदसणस्स श्री आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नम: . । (आगम-कहा-कोसो P.30, अझ्मुत्त (अतिमुक्त) पोलासपुरन। २०% प्रसिद्ध मे वैध. तेन अगड भने विजय मने सिरी २ीन पुत्र तेने अगद मेवानामो छ. .30, अतिमुत्त भने कुमारसमण ५९ हे छ. अगडदत्त [अगडदत्त] 38नी न २0%ीना भुमो अइमुत्त-१,अतिमुत्त तथा २थयास अमोहरह भने माता जसमति कुमारसमण-२. 2.29,34,60 नो पुत्र, तेने अगलदत्त मने अगलुदत्त अंगइ (अङ्गजित) श्रावस्तीनो ॥थापति, ५५ डेछ. 2. 30, दीक्षा दीधी, मृत्युबा ४योतिष्ठन्द्र यंद्र अगलुदत [अगलदत्त मोअगडदत्तP.73, (चंद) थयो. 2.29,69 अगारी [अगारी] मार संबंधे मागे अंगरिसि (अङ्गर्षि) कोसिय ना शिष्य, लघु ४था छे. तेने भक्षय था जोषि प्रा थयेट P.29, अग्गिअ [अग्निक ते जमदग्गि नामे अंगारवई (अङ्गारवती) २ पज्जोअ प्रसिद्ध छ, हुमो जमदग्गि P. 30,73, नी पत्नी, धुंधुमार नी पुत्री. P.29, अग्गिभइ /अग्निभूति] (म० महावीरनामा अंजू (अङ्ग्) वर्धमानपुरना धनदेव पर मो अग्गिभूइ-१, तेने अने पियंगुं नी पुत्री, विजयमित्त नी अग्गिभूति ५९॥ ४ छ. P31, पत्नी. पूर्वमम पुढविसिरि 85t अचल अचला भरतक्षेत्रमा ययेदा पडे। हता.मी अंजू-२, अंजूदेवी, मनब हेव, तने अयल ५९ ४३ छ. हुमा पढविसिरी P. 29,114, अचल-१.अयल-१ P. 31,39, अंबड (अम्बड) में ब्राह्मए। परिवा अच्चकारियभट्टा अत्यंहकारिभट्टा] ते अम्मड ५५ उपाय छे. हुमो तिलिखितना वेपारी धन भने भद्दा अम्मड-२ __30,39, नी पुत्री सुबुद्धि साथे सन थयेदा, तेने अंबरिसि (अम्बर्षि) 38नी नोग्राम, भट्टा ५९ छ P. 32,101, मालुका पत्नी, निंबय पुत्र हतो. p.30, अच्छंदग [अच्छन्दक भो। संनिवेश नो अकपिय (अकम्पित) म. महावीर न। मे योतिषी. तेने अच्छंद ५९ 5 छे. मामा ९५२ .30, ( था न म०महावीर था संतगत अगअ (अगड) रोग-6५२ पद्धति भाटे सावे.) P. 32, કથાકોશની દરેક કથાના આગમસંદર્ભ તથા સંક્ષિમકથા નામોસ વિભાગમાં જોવા. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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