Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 04
Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 5
________________ वन्दन जे महापुरुषे, स्वर्गवासी गुरुदेव श्री १००८ श्री विजयानंदसूरीश्वर (प्रसिद्ध नाम श्री आत्मारामजी महाराज) नी आज्ञा अने आंतर इच्छाओने शिरोधार्य करी तेमज • तेने सांगोपांग पार उतारवा अथाग प्रयत्न सेवी, एमना पवित्र पट्टने शोभावेल छे, ए धर्मधुरंधर, धर्मरक्षक पुरुषसिंह श्री १००८ श्री विजयवल्लभसूरिवर नी सेवामां बृहत् कल्पसूत्रनो आ चतुर्थ विभाग सादर अर्पण करीए छीए. चरणोपासक शिशुओ मुनि चतुरविजय अने मुनि पुण्यविजय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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