Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 04
Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha
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२४
बृहत्कल्पसूत्र चतुर्थ विभागनो विषयानुक्रम ।
गाथा
पत्र
३६३५-४२
विषय १८ निर्हतिकासूत्र सागारिकनी निर्हृतिका बीजाए लीधी न होय तो निर्ग्रन्थने कल्पे नहि पण जो ते वीजाए लीधी होय अने ते आपे तो लेवी कल्पी शके
निर्हतिकासूत्रनी व्याख्या निर्हतिकाविषयक चतुर्भगीने आश्री कल्प्याकल्प्य विभाग अने जे कारणसर आहृतिका अने निर्दृतिका कल्पी शके ते कारणोनुं वर्णन
१०१०
३६३५-४२
१०१०-११
३६४३-५२
१०१२-१४
३६४३
१०१२ १०१२ १०१२
३६४४
३६४५-४६
अंशिकाप्रकृत सूत्र १९ सागारिकनी अंशिका एटले पांती जुदी न पाडी होय त्यां सुधी वीजानो अंशिकापिंड पण निम्रन्थोने कल्पे नहि पण सागारिकनी पांती जुदी पाड्या पछी ज कल्पे अंशिकाप्रकृतनो पूर्वसूत्र साथे सम्बन्ध
अंशिकासूत्रनी व्याख्या सागारिकनी अंशिकाना वर्णनविषयक द्वारगाथा अंशिकासूत्रगत अव्वोच्छिन्न, अव्वोगड, अनिज्जूढ आदि विषमपदोनी व्याख्या १ क्षेत्रद्वार क्षेत्रविषयक सागारिकांशिकानुं स्वरूप २ यत्रद्वार यविषयक सागारिकांशिका ३-४ भोज्यद्वार अने क्षीरद्वार भोज्य अने क्षीरविषयक सागारिकांशिका ५ मालाकारद्वार मालाकारविषयक सागारिक अंशिका सागारिकनी अंशिकाना ग्रहणविषे अपवाद
१०१२-१३
३६४७
१०१३
३६४८
३६४९
१०१३
३६५०-५१
१०१३-१४
३६५२
१०१४
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